- महेला जयवर्धने विश्व कप के सेमीफाइनल और फाइनल में शतक जड़ने वाले एकमात्र बल्लेबाज
- महेला जयवर्धने ने 2007 विश्व कप और 2011 विश्व कप में खेलकर यह उपलब्धि हासिल की
- श्रीलंका दोनों विश्व कप के फाइनल में पहुंचा, लेकिन विजेता बनने से वंचित रह गया
नई दिल्ली: क्रिकेट में एक पुरानी कहावत है कि रिकॉर्ड्स बनते ही टूटने के लिए हैं। हर साल हमें देखने को मिलता है कि कोई खिलाड़ी पुराने रिकॉर्ड तोड़कर नया स्थापित कर रहा है। जब कोई पहली बार रिकॉर्ड के बारे में सुनता है तो यह जानने की उत्सुकता बढ़ती है कि किसके नाम यह रिकॉर्ड दर्ज है। मगर कुछ रिकॉर्ड तो ऐसे भी हैं, जो सिर्फ एक बार बने और वह अब तक कायम है। आज हम आपको ऐसे ही एक खिलाड़ी के स्पेशल रिकॉर्ड के बारे में बताने जा रहे हैं।
श्रीलंता के पूर्व कप्तान महेला जयवर्धने दुनिया के एकमात्र बल्लेबाज हैं, जिन्होंने 50 ओवर के विश्व कप के सेमीफाइनल और फाइनल में शतक जमाए हैं। जयवर्धने के अलावा यह कमाल और कोई नहीं कर पाया है। क्रिकेट फैंस अच्छी तरह जानते हैं कि आईसीसी क्रिकेट विश्व कप क्रिकेट का सबसे बड़ा इवेंट है। इसमें खिलाड़ी पर असाधारण दबाव होता है। जयवर्धने भी विश्व कप के एक एडिशन में ऐसा कमाल नहीं कर पाए हैं।
श्रीलंका नहीं बन सका विश्व चैंपियन
महेला जयवर्धने ने 2007 विश्व कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड जबकि 2011 विश्व कप के फाइनल में भारत के खिलाफ शतक जमाकर यह रिकॉर्ड अपने नाम किया। 24 अप्रैल 2007 को किंग्सटन में खेले गए सेमीफाइनल में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी श्रीलंका ने कप्तान महेला जयवर्धने (115) की पारी की बदौलत 50 ओवर में 5 विकेट खोकर 289 रन बनाए थे। जवाब में न्यूजीलैंड की टीम 41.4 ओवर में 208 रन पर ढेर हो गई थी। इस तरह श्रीलंका ने 81 रन से मुकाबला जीतकर फाइनल में प्रवेश किया था। हालांकि, फाइनल में श्रीलंका को ऑस्ट्रेलिया ने मात दी और खिताब जीतने से वंचित कर दिया।
इसके अलावा 2011 विश्व कप फाइनल में जयवर्धने ने शतक जमाया था। 2 अप्रैल 2011 को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए मैच में श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी की और 50 ओवर में 6 विकेट खोकर 274 रन बनाए। जयवर्धने ने 88 गेंदों में 13 चौके की मदद से नाबाद 103 रन बनाए। जवाब में टीम इंडिया ने गौतम गंभीर (97) और कप्तान एमएस धोनी (91*) की पारियों के दम पर 48.2 ओवर में चार विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया था। महेला जयवर्धने ने दोनों टूर्नामेंट के प्रमुख मुकाबलों में शतक जड़कर रिकॉर्ड्स बुक में अपनी अलग जगह बनाई।