मेलबर्न: भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) पर खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच से टेस्ट पदार्पण किया और अपने प्रदर्शन से सभी को प्राभावित भी किया है। सिराज ने इसका श्रेय पांच साल तक घरेलू स्तर पर की गई कड़ी मेहनत को दिया है। सिराज ने मैच की पहली पारी में मार्नस लाबुशैन और कैमरून ग्रीन के विकेट लिए और दूसरी पारी में ट्रेविस हेड का विकेट निकाला।
सिराज ने नवंबर-2015 में हैदराबाद के लिए खेलते हुए प्रथम श्रेणी पदार्पण किया था। टेस्ट डेब्यू से पहले उन्होंने 38 प्रथम श्रेणी मैच खेले थे। हैदराबाद के अलावा वह इंडिया-ए के लिए भी काफी सारे मैच खेल चुके हैं।
तीसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद सिराज ने कहा, "मुझे लगता है कि घरेलू क्रिकेट और प्रथम श्रेणी क्रिकेट में मेरे प्रदर्शन ने मेरी मदद की है। मैं लगातार बुनियादी चीजों पर अपना फोकस रख पाया। मैंने ज्यादा कोशिश नहीं की। हमारा प्लान बुनियादी चीजों पर टिके रना और धैर्य रखना था। विकेट भी काफी धीमी हो गई इसलिए हमें अपनी बुनियादी चीजों पर ही ध्यान देना पड़ा।"
टेस्ट और घरेलू क्रिकेट में ज्यादा अंतर नहीं
उन्होंने कहा कि टेस्ट में गेंदबाजी करने और घरेलू क्रिकेट में दिवसीय मैचों में गेंदबाजी करने में ज्यादा अंतर नहीं है। उन्होंने कहा, "टेस्ट क्रिकेट की हालांकि अलग वेल्यू है, हमें इस स्तर पर उसी तरह से गेंदबाजी करनी पड़ती है जिस तरह से हम घरेलू क्रिकेट में लाल गेंद से करते हैं। मैं इस बात से खुश हूं कि मैं अच्छा कर रहा हूं और मैं भविष्य में भी अच्छा करना चाहता हूं।"
सिराज ने साथ ही कहा कि उन्हें आईपीएल में खेलने से भी काफी फायदा मिला है। इस सीजन रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर से खेलते हुए उन्होंने नौ मैचों में 11 विकेट अपने नाम किए थे।
भरत अरुण को दिया श्रेय
26 साल के सिराज ने टीम के गेंदबाजी कोच भरत अरुण को भी श्रेय दिया है। उन्होंने कहा, "मैं पहली बार भरत सर से हैदराबाद में मिला था। वह गेंदबाजों को आत्मविश्वास देते हैं। उन्होंने मुझसे कहा था कि तुम उस तरह के गेंदबाज हो जो किसी भी पिच पर विकेट ले सकते हो। इस तरह के शब्दों से आपको आत्मविश्वास मिलता है। वह यहां मेरे साथ हैं, मुझे आत्मविश्वास दे रहे हैं।"
हैदराबाद क्रिकेट संघ (एचसीए) के उपाध्यक्ष जॉन मनोज ने आईएएनएस से कहा, "भरत अरूण ने उन्हें पेशेवर गेंदबाज के रूप में निखारा है और उन्हें सिखाया है कि अपने आप को एक गेंदबाज के तौर पर किस तरह से परखना है। उन्हें किस तरह का काम करना है। उन्हें अभ्यास सत्र में कितनी मेहनत करनी हैं। अरूण ने उन पर काफी मेहनत की है और भारत के लिए खेलने का रास्ता दिखाया है। हर कोई अच्छा होता है, लेकिन उन्होंने सिराज को रास्ता दिखाया, गोल सेट किया और सिर्फ उन्हें ही नहीं बल्कि अन्य गेंदबाजों को भी इसी तरह मदद की।"
सिराज ने साथ ही कहा कि न्यूजीलैंड में इंडिया-ए से खेलते हुए कुकाबुरा गेंद से गेंदबाजी करने से भी उन्हें फायदा हुआ है। उन्होंने कहा, "न्यूजीलैंड में पिछली बार, मैं कुकाबुरा गेंद से खेला था। इसलिए मुझे इसका आदि होने में ज्यादा समय नहीं लगा।"