- चोपड़ा और राजा ने धोनी-गांगुली के बीच बेहतर कप्तान का पता लगाने के लिए बातचीत की
- गांगुली और धोनी दोनों भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे सफल कप्तानों में शुमार हैं
- गांगुली ने मैच फिक्सिंग स्कैंडल के बाद कप्तानी करके लोगों का भरोसा जीता था
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के कारण दुनिया रूकी हुई है। सभी खेल इवेंट्स या तो रद्द कर दिए गए हैं या फिर स्थगित किए गए हैं। कई देशों में लॉकडाउन है। ऐसे में क्रिकेटर्स सोशल मीडिया के जरिये अपने फैंस से जुड़े हुए हैं। कई क्रिकेटर्स ट्विटर या फिर इंस्टाग्राम पर फैंस के सवालों के जवाब दे रहे हैं। केविन पीटरसन, रोहित शर्मा, युजवेंद्र चहल और युवराज सिंह सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं। पूर्व क्रिकेटर्स से कमेंटेटर बने आकाश चोपड़ा और रमीज राजा अब भी इस ट्रेंड का हिस्सा बने और दोनों ने चोपड़ा के यू-ट्यूब चैनल पर बातचीत की। खिलाड़ियों से लेकर एमएस धोनी के भविष्य, वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप और भारत-पाकिस्तान डगआउट, चोपड़ा और राजा दोनों ने कई विषयों पर विचार-विमर्श किए। इस दौरान एक एमएस धोनी और सौरव गांगुली की कप्तानी पर भी बातचीत हुई, जिसने लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया।
चोपड़ा और राजा ने अपने विचार रखते हुए धोनी और गांगुली की कप्तानी की तुलना की। गांगुली और धोनी दोनों को भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक माना जाता है। चोपड़ा ने कहा कि वह गांगुली के युग को चुनेंगे क्योंकि मैच फिक्सिंग स्कैंडल के बाद 'दादा' ने लोगों का भरोसा जीता। गांगुली की कप्तानी में भारतीय टीम ने विदेश में जीतना शुरू किया।
गांगुली की कप्तानी में विदेश पर जीत
चोपड़ा के मुताबिक धोनी ने उस परंपरा को आगे बढ़ाया जो गांगुली ने अपने युग में हासिल की थी। चोपड़ा ने धोनी के प्रबंधन शैली की जमकर तारीफ की और कहा कि रांची में जन्में विकेटकीपर बल्लेबाज को अपनी कप्तानी में स्टार अनुभवी व युवा खिलाड़ियों दोनों को संभालना था। चोपड़ा ने कहा, 'मैं सौरव गांगुली युग को चुनना पसंद करूंगा। मैच फिक्सिंग स्कैंडल के बाद उन्होंने लोगों का भरोसा जीता और शून्य से टीम बनाई। वह युवा प्रतिभाओं की पहचान करने में आदर्श साबित हुए और उन्हें अन्य सीनियर खिलाड़ियों का भी भरपूर साथ मिला कि युवाओं को बहुत अच्छी सीख मिली।'
उन्होंने आगे कहा, 'गांगुली की कप्तानी में हमने विदेश में जीतना शुरू किया। इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में ड्रॉ जबकि पाकिस्तान में जीत दर्ज की। धोनी ने इस नतीजों का पूरा फायदा उठाया, लेकिन वह अपने प्रबंधन के लिए जाने जाते हैं। धोनी के लिए भी चीजें आसान नहीं थी क्योंकि उन्हें स्टार अनुभवी व युवाओं को एकसाथ संभालना था। धोनी ने यह काम बखूबी किया।'