- एमएस धोनी ने शनिवार को इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की
- वीवीएस लक्ष्मण ने एमएस धोनी के दो यादगार पलों का खुलासा किया
- एमएस धोनी सिर्फ 24 साल की उम्र में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेना चाहते थे
नई दिल्ली: महेंद्र सिंह धोनी हमेशा अपने शांत स्वभाव के लिए पहचाने गए। वह गेंद पर जोरदार प्रहार करने और आक्रामक बल्लेबाजी के रूप में जाने जाते थे, लेकिन उनका व्यवहार बेहद शांत स्वभाव वाला था। वह कड़ी से कड़ी परिस्थिति में भी अपनी भावनाएं जाहिर होने देते थे। जरा सोचिए कि कोई कप्तान छक्का जमाकर टीम को विश्व कप विजेता बनाता है। कोई भी होता तो वह उछलता और रोने लगता, लेकिन कैप्टन कूल धोनी मुस्कुराए और सभी भावनाएं अपने अंदर दबा बैठे।
अब माही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से विदाई ले चुके हैं। एमएस धोनी के साथ कई दिग्गज अपनी कहानी और अनुभव साझा कर रहे हैं। पूर्व कलात्मक बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने एमएस धोनी के दो किस्से बताए, जिसे वह जिंदगीभर नहीं भूल पाएंगे। सबसे पहला किस्सा यह है कि विकेटकीपर बल्लेबाज ने पूरे ड्रेसिंग रूम को हिलाकर रख दिया था। धोनी ने 24 साल की उम्र में कहा कि वह संन्यास लेने जा रहे हैं।
'मैं टेस्ट क्रिकेट में शतक मारा, बस यार'
पूर्व कप्तान एमएस धोनी लंबे-लंबे शॉट जमाने के लिए जाने जाते हैं। वह शुरूआत से ही सीमित ओवर बल्लेबाज थे और दमदार प्रदर्शन के कारण उन्हें टेस्ट क्रिकेट में मौका मिला। मगर कुछ टेस्ट मैच के बाद स्टंपर ने चिर-प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ 2006 में फैसलाबाद में अपना पहला टेस्ट शतक जमाया। लक्ष्मण ने स्टार स्पोर्ट्स के शो क्रिकेट कनेक्टेड पर कहा, 'एमएस धोनी के दो किस्से तो मैं जिंदगीभर नहीं भूलने वाला हूं। पहला है, जब फैसलाबाद में उन्होंने पहला टेस्ट शतक जमाया।'
उन्होंने आगे कहा, 'मुझे अच्छे से याद है कि ड्रेसिंग रूम में लौटने के बाद धोनी ने चिल्लाकर कहा- मैं संन्यास की घोषणा करने जा रहा हूं। धोनी ने कहा- मैं हंड्रेड मारा टेस्ट क्रिकेट में, बस यार। मुझे टेस्ट क्रिकेट से अब कुछ नहीं चाहिए। हम सब हैरान और आश्चर्यचकित थे यह सुनकर। मगर एमएस धोनी हमेशा से ऐसे ही हैं।'
ग्राउंड से होटल तक चलाई बस
दूसरा किस्सा है जब 2008 में माही टेस्ट कप्तान बने। यह किस्सा नागपुर का है, जहां लक्ष्मण अपना 100वां टेस्ट खेल रहे थे। धोनी की गिनती जमीन से जुड़े वाले क्रिकेटरों में से होती है। उन्होंने बस ड्राइवर को टीम के साथ बैठने को कहा और स्टेडियम से होटल तक खुद बस चलाकर गए। लक्ष्मण ने कहा, 'ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नागपुर टेस्ट। धोनी तब भारतीय टीम के टेस्ट कप्तान बने क्योंकि अनिल कुंबले ने संन्यास की घोषणा कर दी थी। एमएस धोनी ने बस ड्राइवर को पीछे टीम के साथ बैठने को कहा और ग्राउंड से होटल तक बस चलाकर ले आए। हम सब हैरान थे कि बताइए भारतीय टीम का कप्तान बस चला रहा है।'
लक्ष्मण ने कहा, 'इस तरह एमएस धोनी अपनी जिंदगी का आनंद उठाते हैं। उनके लिए क्रिकेटर का मतलब सबकुछ मैदान के अंदर झोंकना है। मैदान के बाहर सब चीजें आम होनी चाहिए।'