- धोनी के संन्यास के बाद भारतीय टीम को वनडे और टी20 में स्थायी विकेटकीपर की तलाश
- टीम प्रबंधन ने रिषभ पंत को मौका दिया, लेकिन अनियमित प्रदर्शन के कारण उन्हें टीम से बाहर किया गया
- केएल राहुल ने जब से विकेटकीपिंग शुरू की, उनके बल्लेबाजी की औसत भी ऊपर उठी
नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के पूर्व बल्लेबाज डीन जोंस का मानना है कि एमएस धोनी के संन्यास लेने के बाद केएल राहुल और रिषभ पंत के पास सीमित ओवर क्रिकेट में टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की करने के दरवाजे खुल गए हैं। एमएस धोनी वनडे और टी20 में भारतीय टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में पहली पसंद थे, लेकिन पूर्व कप्तान की लंबी गैरमौजूदगी के बाद टीम प्रबंधन ने रिषभ पंत और केएल राहुल को आजमाया।
एमएस धोनी ने पिछले साल विश्व कप के बाद ब्रेक लिया और यही उनका टीम इंडिया की जर्सी में आखिरी मुकाबला साबित हुआ। एमएस धोनी के लिए न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मैच आखिरी साबित हुआ। 15 अगस्त के दिन महेंद्र सिंह धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की। धोनी के जाने से अब राहुल और पंत को राष्ट्रीय टीम में अपनी जगह पक्की करने का शानदार मौका मिला है।
डीन जोंस से मजेदार ट्वीट के साथ इन दोनों को टीम इंडिया के अगले विकेटकीपर बल्लेबाज का विकल्प बताया। जोंस ने ट्वीट किया, 'कल एमएस धोनी के संन्यास के बाद, मैं शर्त लगाकर कहता हूं कि केएल राहुल और रिषभ पंत को बड़ी अच्छी नींद आई होगी।'
राहुल-पंत में तगड़ी स्पर्धा
22 साल के रिषभ पंत को धोनी के विकल्प के रूप में पसंदीदा माना जा रहा था। उन्हें पिछले साल लगातार मौके देकर टीम प्रबंधन ने समर्थन भी दिया। मगर वह बल्ले से बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब नहीं हुए। इसके अलावा विकेट के पीछे ग्लव्स से भी उनका प्रदर्शन शानदार नहीं रहा, जिसके बाद विराट कोहली और उनकी टीम ने यह जिम्मेदारी राहुल को सौंपी। राहुल पहले ही टीम में बैकअप ओपनर के रूप में जगह खोज रहे थे।
इस अतिरिक्त जिम्मेदारी से राहुल को खूब फायदा मिला। उनकी औसत 2019 में 47.66 थी जो बढ़कर 70 पहुंच गई। राहुल ने न्यूजीलैंड में भी विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी संभाली, जहां उन्होंने चार शिकार किए। इसमें भी उनकी बल्लेबाजी औसत में इजाफा दर्ज किया गया। अब देखना होगा कि राहुल और पंत में से कौन भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की कर पाएगा। वैसे, यह भी देखना रोचक होगा कि क्या संजू सैमसन कहीं इन दोनों को रेस में पीछे तो नहीं छोड़ देंगे।