- टी नटराजन ने भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में किया आगाज
- ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में खेलने का मौका मिला
- अंतिम समय पर भारतीय वनडे टीम में मिली थी जगह
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वनडे सीरीज से ठीक एक रात पहले अचानक बीसीसीआई ने एक ट्वीट किया था। इस ट्वीट में जानकारी दी गई थी कि टी नटराजन को वनडे टीम में जगह दी गई है। ये एक बड़ा और चौंकाने वाला फैसला था क्योंकि नटराजन को आईपीएल में अच्छे प्रदर्शन के बाद भारतीय टी20 टीम में जगह दी गई थी लेकिन अचानक वनडे टीम में जगह देना एक बड़ा फैसला था। इसके बाद बुधवार को उन्हें तीसरे वनडे मैच में मौका दिया गया है। इस खिलाड़ी ने अपने डेब्यू को यादगार बनाया और उनकी हर जगह चर्चा शुरू हो गई। अब उन्होंने पहली बार इस पर प्रतिक्रिया दी है।
'यॉर्कर स्पेशलिस्ट' के रूप में मशहूर हुए टी नटराजन ने भारत के लिये अपने पदार्पण के बारे में बात करते हुए कहा कि ये शानदार अनुभव रहा और वो भविष्य में इस तरह के और मैचों में देश का प्रतिनिधित्व करने को तैयार हैं। तमिलनाडु के 29 वर्षीय खिलाड़ी का भारत के लिये ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे वनडे में पदार्पण यादगार रहा जिसमें उन्होंने दो विकेट चटकाये जिसके बाद विराट कोहली टीम मनोबल बढ़ाने वाली 13 रन की जीत हासिल करने में सफल रही। नटराजन ने इस साल आईपीएल में हैदराबाद की तरफ से खेलते हुए 16 विकेट लिए थे।
नटराजन ने किया ट्वीट
नटराजन ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘‘देश का प्रतिनिधित्व करना स्वप्निल अनुभव था। शुभकामनाओं के लिये सभी का शुक्रिया।’’ उन्होंने लिखा, ‘‘और चुनौतियों के लिये तैयार हूं।’’ नटराजन ने 70 रन देकर मार्नस लाबुशेन और एशटन एगर का विकेट हासिल किया।
भारत की टी20 टीम के लिये चुने गये नटराजन को नवदीप सैनी के बैकअप के तौर पर वनडे के लिये शामिल किया गया था जिन्होंने श्रृंखला शुरू होने से पहले पीठ के दर्द की शिकायत की थी और उन्होंने पहले दो वनडे में काफी रन लुटाये थे।
इन बातों को लेकर चर्चा में थे, मां सड़क किनारे बेचती हैं चिकन
उनके परिवार को लेकर भी काफी चर्चाएं हुई थीं। वो एक बेहद सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं। नटराजन के पिता दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करते थे लेकिन इस खिलाड़ी ने यह सुनिश्चित किया कि उनके माता-पिता का आगे कोई परेशानी नहीं झेलनी पड़े और उनकी बहनों को उचित शिक्षा मिले।
क्रिकेट में नाम बनाने के साथ ही टी नटराजन ने अपने परिवार के लिये वो सब कुछ किया जो वह कर सकते थे लेकिन वो अपनी मां को सड़क के किनारे चिकन बेचना छोड़ने से नहीं मना पाए थे। नटराजन के मेंटर जयप्रकाश ने कहा था कि इस तेज गेंदबाज की मां को लगता है कि जब उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी तब उनके इसी काम से परिवार को बहुत मदद मिली थी और वो इसे जारी रखेंगी।