- सचिन तेंदुलकर बने क्रिकेट के सबसे महान बल्लेबाज
- सचिन के गुरू आचरेकर का काफी अहम योगदान
- सचिन में प्रतिभा की पहचान की थी उनके बड़े भाई अजीत ने
क्रिकेट जगत के सर्वकालिन महानतम बल्लेबाज की बात होने पर स्वतः ही भारत के लीजेंड सचिन तेंदुलकर का नाम सामने आ जाएगा। मास्टर-ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए अभूतपूर्व प्रदर्शन किया। उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट में जो कारनामें किए वो सालों तक हर किसी के जेहन में रहेंगे। सचिन तेंदुलकर में खास प्रतिभा थी, जिससे उन्होंने विश्व क्रिकेट में अपनी एक खास और अलग पहचान को स्थापित किया।
सचिन तेंदुलकर में पहली बार प्रतिभा की पहचान करने वाले नहीं थे गुरु आचरेकर
विश्व क्रिकेट के इस सबसे बड़े रिकॉर्ड पुरुष सचिन तेंदुलकर के नाम अनगिनत रिकॉर्ड्स हैं। क्रिकेट गलियारों में सचिन की इस पहचान को आयाम देने का काम उनकी प्रतिभा, मेहनत के साथ ही उनके गुरू रमाकांत आचरेकर ने भी किया।
सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट का कखहरा गुरू रमाकांत आचरेकर से ही सीखा। उनके ही मार्गदर्शन में मास्टर-ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए क्रिकेट जगत के सबसे महानतम बल्लेबाज में शुमार हुए।
सचिन के बड़े भाई अजीत ने की थी छुपे हुए हुनर की पहचान
सचिन की कामयाबी में रमाकांत आचरेकर का योगदान किसी से छुपा नहीं है। लेकिन सचिन में प्रतिभा की पहली बार पहचान उनके गुरू रमाकांत आचरेकर ने नहीं बल्कि किसी और शख्स ने की थी।
इंटरनेशनल क्रिकेट के रनों के बादशाह इस खिलाड़ी में प्रतिभा की पहली बार पहचान उनके भाई अजीत तेंदुलकर ने की थी। सचिन के बड़े भाई अजीत तेंदुलकर को भले ही बहुत ही कम लोग जानते हैं, लेकिन पहली बार इस छोरे में उन्होंने ही हुनर पहचाना था, जिसके बाद सचिन को उनके बड़े भाई ने क्रिकेट की ट्रेनिंग दिलवाने के लिए गुरू आचरेकर के पास ले गए।
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सचिन जब 11 साल के थे, तब उनके बड़े भाई अजीत ने उनके अंदर क्रिकेट को लेकर छुपी हुई प्रतिभा की पहचान कर ली थी। इसके बाद अजीत अपने छोटे भाई सचिन को क्रिकेटर बनाने में लग गए। उसी वक्त वो सचिन के बचपन के गुरू रमाकांत आचरेकर के पास ले गए। इसके बाद सचिन ने भी खूब मेहनत की और अपनी प्रतिभा और मेहनत के दम पर आज क्रिकेट जगत में चमकता सितारा हैं। लेकिन उनके करियर में उनके बड़े भाई अजीत तेंदुलकर का योगदान कभी नहीं भुलाया जा सकता है।