- युवराज सिंह को पंजाब क्रिकेट संघ ने दिया बड़ा ऑफर
- क्या युवी वापस लौटेंगे मैदान पर?
- युवराज सिंह ने पिछले साल क्रिकेट को कहा था अलविदा
नई दिल्ली: 'सिक्सर किंग' के नाम से मशहूर भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी युवराज सिंह (Yuvraj Singh) ने पिछले साल अचानक एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर क्रिकेट को अलविदा कहने का फैसला सुनाया था। उस दौरान उन्होंने दबी जुबान में कुछ शिकायतें भी सामने रखने में गुरेज नहीं किया था। युवी के करोड़ों फैंस के लिए वो एक झटका सा था क्योंकि वो दोबारा अपने चहेते खिलाड़ी को मैदान पर नहीं देखने वाले थे। लेकिन अब युवी के सामने एक दिलचस्प प्रस्ताव रखा गया है। ये ऑफर पंजाब क्रिकेट संघ (PCA) द्वारा दिया गया है।
पंजाब क्रिकेट संघ ने युवराज सिंह से संन्यास का फैसला वापस लेकर प्रदेश की टीम का खिलाड़ी और मेंटर बनने का आग्रह किया है हालांकि अभी युवराज ने इस पर जवाब नहीं दिया। पीसीए सचिव पुनीत बाली ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने युवराज से आग्रह किया है जो पहले ही शुभमन गिल समेत कुछ युवा खिलाड़ियों को मार्गदर्शन दे रहे हैं।
हमें जवाब का इंतजार है
पुनीत बाली ने अपने एक बयान में कहा, ‘हमने पांच-छह दिन पहले युवराज से अनुरोध किया और उनके जवाब का इंतजार है। अगर वो मान लेते हैं तो पंजाब क्रिकेट के लिये यह बहुत अच्छा होगा।’
हाल ही में युवराज ने कहा था कुछ ऐसा
हाल ही में 'टाइम्स नाउ न्यूज डॉट कॉम' से एक खास बातचीत में युवराज सिंह ने कई खुलासे किए थे। उस इंटरव्यू में युवी से ये भी पूछा गया था कि क्या फैंस आने वाले समय में उनको कोच की भूमिका में देखने की उम्मीद कर सकते हैं? इस पर युवराज ने कहा था कि, 'किसी अन्य पेशे के समान, आपके अनुभव मिश्रित होते हैं। कुछ आपके तो कुछ आपके साथियों या सीनियर्स से सीखने को मिलते हैं। मैं खुद को कोच या मेंटर के रूप में जरूर देखता हूं, लेकिन सिर्फ मैदान शैली तक सीमित नहीं रहना चाहता। मैं युवाओं को खेल में सफल होने के लिए सही मानसिकता की शैली भी सिखाना चाहता हूं।
दबाव ने निपटना सिखाउंगा
युवराज ने इस इंटरव्यू में आगे कहा, 'क्रिकेट में काफी दबाव होता है। मैंने सीमित ओवर क्रिकेट ज्यादा खेला और उसमें बहुत दबाव होता है। सही खेल शैली और ध्यान के साथ खिलाड़ी दबाव को झेल सकता है। इस बदलाव में खेल की शिक्षा जरूरी है। खेल के लिए मेरा जुनून युवराज सिंह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (वायएससीई) से दिखाई देगा, जिसका लक्ष्य युवाओं को क्रिकेट की सही शैली सिखाना और शिक्षा देना है ताकि भारत में खेल का स्तर सुधरे।
सबसे जरूरी है मानसिक फिटनेस
युवराज सिंह एक अच्छे मेंटर इसलिए भी बन सकते हैं क्योंकि उनका फोकस फिटनेस पर हमेशा रहा है। उन्होंने इस बार में बात करते हुए कहा- 'यह किसी भी क्षेत्र या पेशे के लिए सच है। अगर किसी को प्रोत्साहित महसूस होगा और लक्ष्य की असल समझ होगी तो वो 100 प्रतिशत प्रदर्शन करेगा। मुझे सबसे जरूरी मानसिक फिटनेस लगती है। सोशल मीडिया के कारण युवाओं की चीजें सबके सामने आती है और फिर आलोचना उनके दिमाग में घर कर जाती हैं। ऐसे में उनके पास कोई हो, जिससे वो बात कर सकें। कोई उन्हें बिना कुछ सोचे-समझे सिर्फ सुने और जिसकी वह इज्जत कर सके।
अब देखना ये होगा कि क्या युवराज सिंह आने वाले दिनों में पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन के इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं या नहीं। उम्मीद इस बात की ज्यादा है कि युवी मेंटर बनने का प्रस्ताव जरूर मान लेंगे लेकिन खिलाड़ी के तौर पर वापसी शायद वो ना करें। लंबे समय से वो शीर्ष स्तर पर क्रिकेट से दूर रहे हैं और वापसी के लिए उनको एक बार फिर पूरी तरह से तैयार होना पड़ेगा।