- पृथ्वी शॉ ने बताई सचिन तेंदुलकर से जुड़ी कुछ और दिलचस्प बातें
- सचिन द्वारा दिए गए टिप्स को लेकर बेबाकी से बात सामने रखते हैं पृथ्वी
- शॉ ने बताया कि सचिन ने उनको सबसे ज्यादा किस चीज पर ध्यान देने को कहा
मुंबई: भारतीय क्रिकेट टीम के युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने अपने करियर के शुरुआती दिनों से ही हर बार मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर से प्रेरित होने की बात कही। उनके अंदाज व खेलने के ढंग में भी कुछ लोगों को सचिन की झलक नजर आई। सचिन ने भी शॉ से कई बार मुलाकात की और उनको टिप्स दिए। यही नहीं, सचिन ने पृथ्वी के जूनियर क्रिकेट के दिनों में ही भविष्यवाणी कर दी थी कि ये खिलाड़ी एक दिन भारत के लिए खेलेगा। पृथ्वी शॉ आज भी आए दिन सचिन से हुई तमाम बातचीत के बारे में बताते रहते हैं। अब उन्होंने ये बताया है कि सचिन अधिकतर उनकी बल्लेबाजी को सुधारने के लिए किस बात पर जोर देते हैं।
पृथ्वी शॉ ने कहा कि मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने उनके साथ कई बार बातचीत की है जिसमें वह तकनीकी पहलुओं के बजाय बल्लेबाजी के मानसिक पहलुओं पर ज्यादा जोर देते हैं। शॉ ने अपने नियोक्ता ‘इंडियन ऑयल’ के साथ इंस्टाग्राम पर बातचीत के सत्र में कहा, ‘मैं सचिन सर से जब पहली बार मिला था तब 8 साल का था और उसी समय से वह मेरे मार्गदर्शक हैं। मैंने उनसे मैदान के अंदर और बाहर के अनुशासन के अलावा और भी बहुत सी चीजें सीखी हैं।’
इनकी वजह से मेरा करियर शानदार रहा है
शॉ को इस बात की बेहद ही खुशी है कि तेंदुलकर अब भी अपने व्यस्त कार्यक्रम में से समय निकालकर अभ्यास कराते हैं। वेस्टइंडीज के खिलाफ राजकोट में अपने पदार्पण टेस्ट में शतक लगाने वाले शॉ ने कहा, ‘जब भी मैं अभ्यास करता हूं और सचिन सर वहां रहते है तो वह मुझे तकनीकी पहलू की जगह मानसिक पहलू के बारे में बताते है। सचिन सर और कई दूसरे कोचों की देखरेख में मेरा अब तक का सफर शानदार रहा है।’
झटके पे झटका
गौरतलब है कि पृथ्वी ने अपने डेब्यू टेस्ट में शतक जड़कर सबका दिल जीत लिया था। उनकी पहली ही सीरीज में वो स्टार बनकर उभरे थे। लेकिन उस घरेलू सीरीज के बाद वो भारतीय टीम के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गए और अभ्यास मैच में ही गंभीर रूप से चोटिल हो गए। वो उसकी वजह से काफी समय तक क्रिकेट के मैदान से दूर रहे। इससे पहले कि वो टीम इंडिया में वापस लौटते, एक और प्रकरण ने उनके करियर को झटका दिया। इस बार वो डोपिंग मामले में फंसे जब अनजाने में उन्होंने एक ऐसी दवा का सेवन कर लिया जिसमें प्रतिबंधित पदार्थ शामिल था। उन पर प्रतिबंध लगा और जब वो लौटे, उसके कुछ महीनों के बाद महामारी ने क्रिकेट को रोक दिया।