- भारतीय क्रिकेट टीम के फील्डिंग कोच आर श्रीधर ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के ड्रेसिंग रूम के किस्से साझा किए हैं
- उन्होंने बताया है कि कैसे रवि शास्त्री में एडिलेड में 36 रन पर ढेर होने के बाद बढ़ाया था टीम का उत्साह
- हनुमा विहारी से सिडनी टेस्ट के दौरान कही थी कौन सी बात
नई दिल्ली: भारत के फील्डिंग कोच आर श्रीधर ने मजबूत ऑस्ट्रेलिया पर टेस्ट श्रृंखला पर मिली 2-1 की शानदार जीत के बाद टीम की परिस्थितियों को बयां करते हुए कहा कि रिषभ पंत और वाशिंगटन सुंदर की वजह से वह 'एक घंटे में 10 साल बूढे हो गये'। श्रीधर लंबे समय से भारतीय टीम का अहम हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि पिछले एक महीने में टीम किस दौर से गुजरी, उसे बताना मुश्किल होगा क्योंकि एक समय टीम पारी में अपने 36 रन के न्यूनतम टेस्ट स्कोर पर सिमट गयी थी तो दूसरी ओर टीम श्रृंखला जीतने में सफल रही।
पंत और सुंदर की बल्लेबाजी ने बढ़ा दी थी दिल की धड़कनें
उन्होंने दौरे के दौरान एडीलेड में 36 रन पर सिमटने के बाद कोच रवि शास्त्री के प्रेरणादायी भाषण से लेकर हनुमा विहारी की सिडनी में 'शानदार' बल्लेबाजी से लेकर ब्रिसबेन में पासा पलटने वाली जीत के बारे में बात की। श्रीधर ने हैदराबाद में अपने घर पहुंचने के बाद कहा, 'जब रिषभ और वाशी (वाशिंगटन सुंदर) बल्लेबाजी कर रहे थे, मैं काफी तनाव में था।' उन्होंने कहा, 'फिटनेस एप में मेरे दिल की धड़कन 120 थी और मैं रोहित को यह कहने से खुद को रोक नहीं सका कि 'मैं एक घंटे में 10 साल बूढ़ा हो गया'।'|
शास्त्री ने कहा, 36 रन को बैज की तरह पहनो
श्रीधर ने कहा, '36 रन पर सिमटने के बाद आप नहीं जानते थे कि आगे क्या होगा। फिर रवि (शास्त्री) भाई ने टीम को इकट्ठा किया और कहा: इस 36 रन को बिल्ले की तरह पहनो और आप एक महान टीम बन जाओगे।' उन्होंने कहा, '40 दिन के बाद यह सच हो गया। एडीलेड टेस्ट के तीसरी शाम को खत्म होने के बाद दो दिन में हमने पांच बैठकें कीं। विराट (कोहली), जिंक्स (अजिंक्य रहाणे) और कोचिंग स्टाफ ने टीम संयोजन पर चर्चा की और विराट ने जाने से पहले एमसीजी टेस्ट के लिये कुछ अच्छे सुझाव दिये।'
तुम्हें टीम को देने होंगे दो घंटे, हर दौर में टीम ने दिया है तुम्हारा साथ
उन्होंने मेलबर्न में घटनाओं का जिक्र किया जिसमें भारत ने जीत दर्ज कर बराबरी हासिल की। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि मेलबर्न में इससे बेहतर योजना का कार्यान्वयन नहीं हो सकता था।' क्षेत्ररक्षण कोच ने कहा, 'सिडनी में चाय काल में विहारी का पैर काफी ज्यादा स्ट्रेच हो गया था और नितिन पटेल ने उसकी हैमस्ट्रिंग पर पट्टी बांधी और दूसरे फिजियो ने दर्द निवारक दवा दी। मैं उसके पास गया और कहा, 'विहारी, तुम्हें अपनी टीम को अगले दो घंटे देने होंगे क्योंकि इस टीम ने तुम्हारा हर दौर में साथ दिया है।'
सिडनी में बल्लेबाजी के बाद गिर गए थे विहारी
उन्होंने कहा, 'और उन 250 गेंद खेलने के बाद जब वह वापस आया तो वह चल भी नहीं पा रहा था, वह कुर्सी पर गिर गया और मैं उसे गले लगाने उसके पास गया। उसने कहा, 'सर, आपने इसके लिये कहा था। इस हालत में मैं इतना ही सर्वश्रेष्ठ कर सकता था।' मैं सिर्फ 'शुक्रिया' ही कह सका।'
श्रीधर ने कहा, 'दर्दनिवारक दवा के इतने ज्यादा 'डोज' के बावजूद वह सिडनी में शानदार प्रदर्शन कर सका क्योंकि इससे आप थोड़ी बेहोशी महसूस करने लगते हो। इसलिये जब हम ब्रिसबेन पहुंचे तो हमारे अंदर भरोसा था कि हम ऐसा कर सकते थे।'
ब्रिस्बेन में शास्त्री-रहाणे ने कहा, पंत- सुंदर को छोड़ दो
कोच ने कहा, 'हम रिषभ और वाशी के साथ कुछ भी चीज पेचीदा नहीं करना चाहते थे, यह उनकी खुद की योजना थी। अपनी काबिलियत के हिसाब से उनकी योजना शानदार थी। वो जो कर रहे थे तो हम उन्हें बस सूचना देना चाहते थे और ऐसे समय में कम ही अच्छा होता है। अजिंक्य और रवि भाई ने कहा, 'दोनों को अकेला छोड़ दीजिये। जो कुछ भी होता है, हम स्वीकार लेंगे, हम यहां तक इतने शानदार तरीके से आये हैं।'
अपने साथ बल्ला और पैड नहीं ले गए थे नटराजन
श्रीधर ने यह भी बताया कि टी नटराजन दौरे पर अपना बल्ला और पैड नहीं ले गये थे। उन्होंने कहा, 'आप जानते हो, नट्टू अपना बल्ला भी नहीं ले गया था। उसके पास उसके गेंदबाजी स्पाइक्स और ट्रेनर्स थे क्योंकि वह नेट गेंदबाज के तौर पर आया था और उसे गेंदबाजी ही करनी थी। जब उसे टीम में चुना गया तो उसे वाशी या एश (आर अश्विन) से ये सब लेने पड़े।'
उन्होंने कहा, 'लेकिन यही खूबसूरती है, वह कोई आम नेट गेंदबाज नहीं था। स्ट्रेंथ एवं अनुकूलन कोच निक वेब और ट्रेनर सोहम देसाई ने सभी नेट गेंदबाजों के लिये योजनायें बनायी हुई थीं और वे ड्रेसिंग रूम का अहम हिस्सा थे।'
इसलिए किया गया था सुंदर को रोकने का निर्णय
वाशिंगटन सुंदर की प्रतिभा के बारे में श्रीधर ने कहा, 'हमने उसे सफेद गेंद के मैचों के बाद भी अपने साथ रखा क्योंकि हम एश को नेट पर ज्यादा गेंदबाजी नहीं कराना चाहते थे लेकिन नाथन लॉयन ऑस्ट्रेलियाई लाइन अप का एक अहम हिस्सा था तो हमें हमारे बल्लेबाजों को नेट सत्र दिलाने की भी जरूरत थी।'
उन्होंने कहा, 'हमने वाशी को गेंदबाजी के लिये इस्तेमाल किया जो हमारे शीर्ष क्रम को गेंदबाजी करता। और तब मैं उससे कहता, वाशी गेंद को 'ओवर-स्पिन' कराओ क्योंकि ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर यही समय की जरूरत है। हम उसे कहते कि तुम भले ही मुख्य ऑफ स्पिनर नहीं हो, लेकिन जब भारत 2025 में वापस यहां आयेगा तो कौन जानता है कि तुम कुलदीप के साथ स्पिन आक्रमण की अगुआई करो। और जब वह टीम का हिस्सा भी नहीं था, तब भी वह प्रत्येक दिन 30 मिनट बल्लेबाजी करता।'
श्रीधर ने कहा, 'ब्रिसबेन टेस्ट शुरू होने से पहले रवि भाई का एक ही मंत्र था, 'नट्टू जसप्रीत बुमराह से कम नहीं और वाशी अश्विन से कम नहीं।' और अगर तुम दोनों टीम इंडिया की कैप पहनकर मैदान पर जाते हो तो तुम किसी से कम नहीं होगे।'