- रमीज राजा ने पाकिस्तान क्रिकेट पर निकाली भड़ास
- रमीज राजा ने कहा कि पाकिस्तान को नए खिलाड़ियों को मौका देने की जरूरत
- रमीज राजा ने कहा कि पाकिस्तान की मौजूदा सोच सही नहीं है
नई दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी और मशहूर कमेंटेटर रमीज राजा ने अपने देश के क्रिकेट सिस्टम को जमकर लताड़ लगाई है। राजा ने कहा कि जिंबाब्वे दौरे पर मजबूत खिलाड़ियों को भेजने का फैसला 'एक कदम आगे बढ़ने के साथ दो कदम पीछे' होने वाला साबित हुआ। राजा ने कहा कि पाकिस्तान को नए खिलाड़ियों के साथ प्रयोग करना चाहिए था। बता दें कि पाकिस्तान ने जिंबाब्वे का टेस्ट सीरीज में 2-0 से क्लीन स्वीप किया था जबकि टी20 इंटरनेशनल सीरीज 2-1 से अपने नाम की थी।
रमीज राजा ने द इंडियन न्यूज नामक यूट्यूब चैनल पर बातचीत करते हुए कहा, 'भले ही नए खिलाड़ियों के साथ आप हार भी जाते तो कम से कम इतना तो पता चलता कि किस खिलाड़ी में क्षमता है और किस में नहीं। आप आगे बढ़ते और एक और खिलाड़ी को मौका देते। पुराने खिलाड़ियों को तो पता है कि वो टीम में क्या लेकर आ सकते हैं।'
रमीज राजा ने साथ ही कहा कि टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में ज्यादा उम्र वाले खिलाड़ियों को मौका देने का कोई मतलब ही नहीं था। राजा ने कहा, 'जहां तक मेरी समझ है। मैंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टी20 क्रिकेट में 40-45 साल के खिलाड़ियों को खेलते हुए नहीं देखा है। इसका असर भी समझ आता है क्योंकि आपके रिफ्लेक्स धीमे पड़ जाते हैं और भले ही आप विश्व स्तरीय खिलाड़ी हो, आपका प्रदर्शन 50 प्रतिशत तक गिर जाता है।'
पाकिस्तान क्रिकेट को दोबारा विचार की जरूरत: रमीज राजा
उन्होंने आगे कहा, 'हमारे पास उस क्षमता के खिलाड़ी नहीं है। उदाहरण के लिए हमारे पास एमएस धोनी या सचिन तेंदुलकर नहीं है, जिनके 50 प्रतिशत प्रदर्शन में गिरावट आने के बावजूद वो काफी उपयोगी हैं। इससे हमारे मैच हारने के अवसर बढ़ जाते हैं। बस जीत के लिए हम सिस्टम को तोड़ रहे हैं।' रमीज राजा ने कहा कि पाकिस्तान के सिस्टम को दोबारा सोचने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सोच ऐसी नहीं है कि कैसे टीम का निर्माण करना है।
रमीज राजा ने कहा, 'नए खिलाड़ियों के साथ आगे बढ़िए। कम से कम इससे आपको दिशा मिलेगी। जिंबाब्वे के खिलाफ अगर आप नए खिलाड़ियों के साथ जाकर अगर हारते हैं तो कोई कुछ नहीं कहेगा क्योंकि यह प्रयोगात्मक दौरा हो सकता है। ऐसे बहुत ही कम मौके मिलते हैं, जब आप अंतरराष्ट्रीय टीम के खिलाफ प्रयोग कर सकते हैं। मैंने पहले भी कहा कि एक कदम आगे बढ़ना और दो कदम पीछे हो जाना है।'
उन्होंने आगे कहा, 'जब दबाव बढ़े तो पुराने खिलाड़ियों को बुलाइए। जब दबाव बढ़े तो फिक्सर्स को बुलाइए। जब दबाव बढ़ तो एक अतिरिक्त विकेटकीपर को मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज के रूप में खिलाइए। इसी तरह टीमों का निर्माण होता है। यह दिखाता है कि हमारे सिस्टम की सोच क्या जहां नए खिलाड़ियों को मौका मिलना मुश्किल बन रहा है।'