अलूर: बायें हाथ के स्पिनर कुमार कार्तिकेय के पांच विकेट की मदद से मध्यप्रदेश ने बंगाल को हराकर 23 साल बाद रणजी ट्रॉफी फाइनल में प्रवेश कर लिया। बंगाल को जीत के लिये 350 रन की जरूरत थी लेकिन टीम 175 रन ही बना सकी। मुंबई इंडियंस के लिये आईपीएल खेलने वाले कार्तिकेय ने 32 ओवर में 67 रन देकर पांच विकेट लिये। उन्होंने मैच में 128 रन देकर आठ विकेट चटकाये।
बंगाल को हार से ज्यादा हार के तरीके पर तकलीफ होगी। टीम ने आसानी से मध्यप्रदेश के सामने घुटने टेक दिये। कार्तिकेय ने उनके बल्लेबाजों को बखूबी भांप लिया और उन्हें खुलकर खेलने का मौका नहीं दिया। बंगाल के लिये कप्तान अभिमन्यु ईश्वरन ने सर्वाधिक 78 रन बनाये लेकिन वह भी कार्तिकेय के सामने सहज नजर नहीं आये।
175 रन पर ढेर हुई बंगाल की टीम, ईश्वरन नहीं दिला पाए टीम को जीत
मैच को देखने राष्ट्रीय चयनकर्ताओं की तिकड़ी मौजूद थी लेकिन बंगाल के खिलाड़ी उन्हें प्रभावित नहीं कर सके। ईश्वरन टीम को संकट से निकालकर उनका ध्यान खींच सकते थे लेकिन नाकाम रहे। अपने कल के स्कोर चार विकेट पर 96 रन से आगे खेलते हुए बंगाल ने 79 रन और जोड़े। कार्तिकेय की अगुवाई में मध्यप्रदेश के गेंदबाजों ने उन्हें 28.2 ओवर में ढेर कर दिया।
23 साल पहले चंद्रकांत पंडित की कप्तानी में फाइनल में पहुंचा था एमपी
मध्यप्रदेश की खिताबी मुकाबले में 41 बार की चैंपियन मुंबई से भिड़ंत होगी। मुंबई यूपी को पहली पारी की बढ़त के आधार पर मात देकर फाइनल में पहुंची है। फाइनल मुकाबला 22 जून से बेंगलोर के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेला जाएगा। हालांकि मध्यप्रदेश के मौजूदा कोच चंद्रकांत पंडित की कप्तानी में ही मध्य प्रदेश की टीम साल 1999 में रणजी ट्रॉफी के फाइनल में पहुंची थी।
कर्नाटक के खिलाफ 1999 में मिली थी एमपी को हार
साल 1999 के रणजी फाइनल में कर्नाटक के खिलाफ एमपी को 96 रन के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था और उसकी खिताबी जीत की सपना टूट गया था। ऐसे में मुंबई और मध्यप्रदेश दोनों के लिए खेल चुके चंद्रकांत पंडित और मुंबई के पूर्व कप्तान अमोल मजूमदार की टीमों के बीच खिताबी जंग होगी।
(एजेंसी इनपुट के साथ)