- रविचंद्रन अश्विन ने जुलाई 2017 के बाद वनडे और टी20 इंटरनेशनल मैच नहीं खेला
- अश्विन ने बताया कि उन्होंने क्रिकेट का आनंद उठाना बंद कर दिया था
- अश्विन ने भरोसा जताया था कि वह टी20 विश्व कप में भारतीय टीम में जगह बनाएंगे
नई दिल्ली: टीम इंडिया के अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन हाल ही में सिडनी टेस्ट में टीम के हीरो साबित हुए। हनुमा विहारी के साथ मिलकर अश्विन ने क्रीज पर खूंटा गाड़े रखा और महत्वपूर्ण ड्रॉ कराकर सीरीज 1-1 से बराबर रखी। अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गेंद और बल्ले दोनों से कमाल किया। बल्लेबाजी करते समय उन्होंने बाउंसर शरीर पर झेली। पीठ दर्द के साथ भी वह पूरा दिन क्रीज पर जमे रहे और मुकाबला ड्रॉ कराया। यह वाकई बेहतरीन प्रदर्शन रहा। मगर क्या आप जानते हैं कि एक ऐसा समय था जब अश्विन को क्रिकेट से नफरत हो चुकी थी। वह इसे देखना भी पसंद नहीं करते थे। चलिए आपको ये पूरा किस्सा बताते हैं।
रविचंद्रन अश्विन निश्चित ही अनुभवी ऑफ स्पिनर हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सीमित ओवर क्रिकेट में उन्होंने 2017 के बाद से कोई मुकाबला नहीं खेला है। जुलाई 2017 के बाद से उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वनडे और टी20 मुकाबला नहीं खेला है। इस बात की निराशा उन्होंने एक इंटरव्यू में जाहिर की थी। बता दें कि अश्विन और जडेजा को 2017 में वेस्टइंडीज दौरे पर टीम से बाहर किया गया था। तब ऐसी रिपोर्ट्स थी कि दोनों का कार्यभार प्रबंध करने के लिए ऐसा फैसला लिया गया है।
हालांकि, रिस्ट स्पिनर्स कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल के उभरने से अश्विन की वापसी पर विराम लग गया। रवींद्र जडेजा विश्व कप 2019 से पहले सीमित ओवर क्रिकेट में वापसी करने में कामयाब रहे, लेकिन अश्विन दावेदारी से बाहर हो गए। भारतीय क्रिकेट ने टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में वॉशिंगटन सुंदर, क्रुणाल पांड्या और राहुल चाहर को आजमाया जबकि बीच-बीच में कुलदीप यादव, रवींद्र जडेजा और युजवेंद्र चहल को भी मौका दिया।
अश्विन ने बयां किया दिल का दर्द
अश्विन ने खुलासा किया था, 'पहले मुझे हर समय खेलने में मजा आता था। मगर मेरे करियर में एक समय ऐसा भी आया जब महसूस हुआ कि सीमित ओवर क्रिकेट से गैरमौजूदगी और चोटों के कारण खेल में मेरी रुचि खत्म हो गई। यह मेरे लिए काफी खतरनाक भी था। मैंने टीवी पर मैच देखना बंद कर दिया था। इसका मेरे पास कोई जवाब नहीं है। अच्छा है कि मैं इससे उबर चुका हूं। मैंने लोगों से मदद ली और इस संकट से उबरा।'
अश्विन ने साथ ही कहा था, 'वर्ल्ड टी20 सभी के लिए लक्ष्य है। कौन प्रतिस्पर्धा में भारत का प्रतिनिधित्व नहीं करना चाहता। युवराज सिंह ने 2014 वर्ल्ड टी20 में वापसी की थी और फिर 2017 चैंपियंस ट्रॉफी भी खेली। मैं अभी 33 साल का हूं। एक स्पिनर के रूप में मेरी फिटनेस अच्छी है। आईपीएल के अनुभव से भी मेरी वापसी हो सकती है। जहां तक फटाफट क्रिकेट को युवाओं का टूर्नामेंट बताया जाता है, लेकिन वही टीम सफल हुई है, जिसने अनुभव में निवेश किया। यही वर्ल्ड टी20 का भी मामला है। ज्यादा अनुभव वाली टीमें वर्ल्ड कप जीती हैं। वेस्टइंडीज इसका उदाहरण रहा है।'
अश्विन की सीमित ओवर में वापसी होती है कि नहीं, यह समय पर निर्भर करेगा। मगर इस खिलाड़ी का क्रिकेट से मन हट जाना दर्शाता है कि एक एथलीट भी अंत में इंसान है और उसे नाकामियों से परहेज होता है।