- रिकी पोंटिंग ने विराट कोहली के कप्तानी छोड़ने पर हैरानी जताई
- पोंटिंग ने कहा कि कोहली ने नए रिकॉर्ड तोड़ने के लिए कप्तानी छोड़ी है
- रिकी पोंटिंग ने विराट कोहली के नेतृत्व की जमकर तारीफ की
दुबई: ऑस्ट्रेलिया के सबसे सफल कप्तानों में से एक रिकी पोंटिंग ने कहा कि वह विराट कोहली के टेस्ट कप्तानी से हटने के फैसले से हैरान थे, लेकिन उनका मानना है कि उन्होंने बल्लेबाजी में बेहतर प्रदर्शन करने और कुछ रिकॉर्ड तोड़ने के उद्देश्य से यह फैसला किया होगा। पोंटिंग ने कोहली के नेतृत्वकौशल की प्रशंसा की और कहा कि उनकी अगुवाई में भारत का विदेशों में रिकॉर्ड सुधरा और उसने पहले की तुलना में विदेशी धरती पर अधिक मैच जीते।
उन्होंने इसके साथ ही कहा कि कोहली के उत्तराधिकारी के रूप में रोहित शर्मा अच्छी तरह से भूमिका निभाएंगे। पोंटिंग ने 'द आईसीसी रिव्यू' के पहले एपीसोड में कहा, 'हां, वास्तव में मुझे हैरानी हुई। मेरी आईपीएल (2021) के पहले चरण में उनसे इस बारे में बात हुई थी। वह तब सीमित ओवरों की कप्तानी छोड़ने की बात कर रहे थे और टेस्ट मैच की कप्तानी को लेकर उनमें कितना जुनून था। उन्हें यह काम पसंद था और वह इसका पूरा आनंद लेते थे। इसलिए जब मैंने सुना तो वास्तव में मुझे बहुत हैरानी हुई।'
नए रिकॉर्ड बनाएगा विराट कोहली: पोंटिंग
पोंटिंग ने हालांकि अपने अनुभव के आधार पर कहा कि कोहली ने यह फैसला करने से पहले कई चीजों पर गौर किया होगा। उन्होंने कहा, 'विराट लगभग सात साल तक कप्तान रहे। दुनिया में अगर कोई देश है, जिसकी कप्तानी करना सबसे मुश्किल काम है तो वह भारत है क्योंकि वहां खेल बेहद लोकप्रिय है और प्रत्येक भारतीय अपनी टीम को जीतते हुए देखना चाहता है। वह अभी 33 वर्ष का है और अभी कुछ और वर्ष तक खेलना जारी रखना चाहेगा। मुझे पूरा विश्वास है कि वह कुछ नये रिकॉर्ड बनाएगा जिनसे वह ज्यादा दूर नहीं है।'
उन्होंने कहा, 'एक बल्लेबाज के तौर पर कप्तानी की अतिरिक्त जिम्मेदारी के बिना यह उसके लिये थोड़ा आसान हो सकता है।' इस दिग्गज बल्लेबाज ने कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने यहां तक कहा कि उनकी कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ने जो प्रयास किये, कोहली की अगुवाई में भारत के प्रयास उससे भी बेहतर थे।
विदेशों में जीतना शुरू किया
पोंटिंग ने कहा, 'हमारी तुलना में भारत की उपलब्धियां अधिक चौंकाने वाली थी। जब मैंने कप्तानी संभाली तो मुझे एक ऐसी टीम मिली थी जो लंबे समय तक विश्व क्रिकेट पर हावी रही थी। यदि आप विराट से पहले के भारत को देखो तो वह स्वदेश में बहुत मैच जीतता था, लेकिन विदेशों में उतनी अधिक जीत दर्ज नहीं कर पाता था। इस चीज में सुधार हुआ और टीम ने विदेशों में अधिक मैच जीते।' भारत ने कोहली की अगुवाई में 68 टेस्ट मैच खेले जिनमें से 40 में उसने जीत दर्ज की जो भारतीय रिकॉर्ड है।