- 2011 विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे सचिन तेंदुलकर
- यह सचिन के करियर का आखिरी विश्व कप था
- सचिन सर्वाधिक 6 वनडे विश्व कप खेलने वाले इकलौते भारतीय खिलाड़ी हैं
World Cup Sachin Tendulker : दुनिया के सबसे महान बल्लेबाजों में शुमार सचिन तेंदुलकर ने कई रिकॉर्ड बनाए हैं और कई ध्वस्त किए हैं। उनके नाम कई यादगार पारियां दर्ज हैं, लेकिन यदि आप उनसे पूछेंगे कि उनके क्रिकेट करियर का सबसे यादगार पल कौन सा है तो, वह तुरंत 2011 आईसीसी वनडे विश्व कप की यादों में खो जाएंगे। आखिर ऐसा क्यों ना हो, क्योंकि इस विश्व कप से उनका बचपन का सपना पूरा हुआ था।
चैंपियन बनने के बाद आंखों से बहने लगे थे आंसू
2011 आईसीसी विश्व कप का फाइनल सचिन तेंदुलकर के घरेलू स्टेडियम वानखेडे में खेला गया था। श्रीलंका के खिलाफ खेले गए इस खिताबी मुकाबले में सचिन तेंदुलकर का प्रदर्शन निराशाजनक रहा और वह सिर्फ 18 रन बनाकर पवेलियन लौट गए थे। उनके आउट होने से करोड़ों भारतीय प्रशंसक निराश हो गए थे, लेकिन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 79 गेंदों में नाबाद 91 रन बनाकर ना सिर्फ भारतीय टीम को चैंपियन बनाया बल्कि सचिन तेंदुलकर का सालों पुराना सपना भी पूरा किया। विश्व कप ट्रॉफी हाथ में उठाने के बाद सचिन इतने भावुक हो गए कि उनकी आंखों से आंसू बहने लगे। यह खुशी के आंसू थे, और वह खुशी में झूम रहे थे।
धोनी को कहा था शुक्रिया
विश्व कप जीतने के बाद सचिन तेंदुलकर ने कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का शुक्रिया अदा किया था क्योंकि उन्होंने 91 रन की नाबाद पारी खेलकर भारतीय टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई थी। सचिन ने इस जीत को अपने करियर का सबसे यादगार पल बताया था। इस जीत के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने सचिन को कंधों पर बिठा लिया था और पूरे स्टेडियम का चक्कर लगाकर उनका सम्मान बढ़ाया था।
तब बचपन में मनाया था जमकर जश्न
यह बात 25 जुलाई 1983 की है, भारतीय टीम ने महान कप्तान कपिल देव की अगुआई में भारतीय टीम को पहली बार विश्व कप चैंपियन बनाया था। उस वक्त सचिन तेंदुलकर की उम्र सिर्फ 10 साल की थी। उन्होंने इस विश्व कप का फाइनल अपने परिवार के साथ देखा था। जैसे ही भारतीय टीम ने विश्व कप खिताब जीता, हजारों प्रशसंक सड़कों पर जश्न मनाने के लिए निकल पड़े। सचिन तेंदुलकर भी अपने भाई अजीत के कंधों पर बैठकर सड़कों पर जश्न मनाने के लिए निकल पड़े। इस विश्व कप जीत के बाद ही सचिन ने ठान लिया था कि वह भी एक दिन भारतीय टीम के लिए खेलेंगे और क्रिकेटर बनेंगे।