- शार्दुल ठाकुर ने अपने निकनेम के बारे में खुलकर बातचीत की
- शार्दुल ने कहा कि उन्हें इंग्लैंड में खेलना बहुत पसंद है
- शार्दुल ने कहा कि निकनेम से समझ आता है कि टीम साथी कितना प्यार करते हैं
एजबेस्टन: भारतीय ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर ने पिछले साल इंग्लैंड के खिलाफ पटौदी सीरीज के दौरान शानदार प्रदर्शन करने के बाद निकनेम 'लॉर्ड' हासिल किया। इंग्लिश परिस्थितियों में शार्दुल ठाकुर गेंद और बल्ले से अपनी प्रतिभा दिखा चुके हैं और एजबेस्टन में अगर मौका मिला तो वो शानदार प्रदर्शन करने के लिए बेकरार हैं। ठाकुर का इंग्लैंड में यादगार प्रदर्शन रहा है, जहां उन्होंने भारत को 2-1 की बढ़त हासिल करने में प्रमुख भूमिका निभाई।
शार्दुल ठाकुर की अहम पारियों ने उन्हें टीम के साथियों और फैंस के बीच लोकप्रिय कर दिया। बीसीसीआई ने एक वीडियो शेयर किया, जिसमें ठाकुर ने खुलासा किया कि उनके साथ लॉर्ड और बीफी निकनेम किस तरह जुड़े। उन्होंने कहा, 'इंग्लैंड गेंदबाजों के लिए स्वर्ग है। गेंद यहां स्विंग होती है और आप एक स्पेल में कई विकेट ले सकते हैं। तो हां, इंग्लैंड क्रिकेट खेलने के लिए मेरी पसंदीदा जगहों में से एक हैं। मैं किसी नाम के साथ सहज हूं। रणजी ट्रॉफी के दिनों से वो मुझे बुल कहते हैं।'
ठाकुर ने आगे कहा, 'मेरे टीम के साथी मुझे जो भी निकनेम देते हैं, मैं उससे सहज हूं। इंग्लैंड के खिलाफ प्रदर्शन के बाद लॉर्ड और बीफी लोकप्रिय निकनेम हो गए। इससे पता चलता है कि मेरे टीम के साथी मुझसे कितना प्यार करते हैं। यह सुनने में अच्छा लगता है। जब मेरे कानों में आवाज आती है तो अच्छा महसूस होता है।' अपने पहले अंतरराष्ट्रीय दौरे के बाद तेज गेंदबाज ऑलराउंडर को लॉर्ड ठाकुर नाम से बुलाया जाने लगा। उन्होंने दमदार प्रदर्शन किया और ऐसे खिलाड़ी बनकर उभरे, जिन पर कप्तान विदेशी परिस्थितियों में आंख बंद करके विश्वास कर सकता है।
ठाकुर ने पिछले साल द ओवल में दो प्रमुख पारियां खेली थी। उनके 57 रन की मदद से भारत ने पहली पारी में 191 रन का स्कोर बनाया। फिर भारतीय तेज गेंदबाज ऑलराउंडर ने दूसरी पारीमें 60 रन बनाए, जिसकी मदद से भारत ने 466 रन बनाए और टेस्ट मैच 157 रन के अतंर से जीता। ठाकुर ने कहा, 'हमारा जो तेज गेंदबाजी आक्रमण है, उसमें सभी अच्छा कर रहे हैं। शमी, बुमराह और उमेश, जिसे भी मौका मिले। कभी ये गेंदबाज पहले ही स्पेल में दो-तीन विकेट निकाल लेते हैं और फिर मैं बाद में आता हूं ताकि इनको आराम मिल सके। मगर मुझे यह जिम्मेदारी पसंद आने लगी है। मैं उस समय प्रदर्शन करके मैच में अपना प्रभाव बना पाता हूं।'