- अशरफ चौधरी इस समय स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं
- अशरफ चौधरी अपने अस्पताल के बिल नहीं भर पा रहे हैं
- अब तक कोई क्रिकेटर अशरफ चौधरी की मदद के लिए आगे नहीं आया है
मुंबई: बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद मौजूदा कोरोना वायरस महामारी में देश के असली हीरो बनकर सामने आए हैं क्योंकि उन्होंने लॉकडाउन के दौरान कई प्रवासियों को अपने घर पहुंचाया है। सिर्फ यही नहीं, लेकिन सोनू सूद ने इस दौरान जरूरतमंदों की आर्थिक मदद भी की। बॉलीवुड एक्टर के लिए ट्विटर वरदान साबित हुआ, जिसके माध्यम से वह लोगों से जुड़े और उनसे संपर्क साध सके। लोगों ने सोशल मीडिया के जरिये सोनू सूद को अपनी परेशानियां बताईं।
हाल ही में, बल्ले की मरम्मत करने वाले अशरफ चौधरी के बारे में खबर आई थी कि वह बेहद गंभीर समस्याओं से जूझ रहे हैं। विराट कोहली और सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गजों के बल्ले ठीक करने वाले अशरफ चौधरी अस्पताल के अपने बिल चुकाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और उनके पास अपना इलाज कराने के पैसे नहीं बचे हैं।
अशरफ भाई के नाम से मशहूर अशरफ चौधरी मुंबई के मेट्रो सिनेमा के करीब अपने पूर्वजों की दुकान चला रहे हैं। उन्होंने कई दिग्गज क्रिकेटरों के बल्ले ठीक करने का काम किया है। अशरफ भाई के लिए पिछले कुछ महीने बेहद कड़े बीते हैं। उनके भाई का निधन हो गया और अब किडनी समस्या के चलते वह खुद अस्पताल में भर्ती हैं। इतने मुश्किल समय में अशरफ भाई को सिर्फ एक दोस्त ने मदद की, जिनका नाम है प्रशांत जेठमलानी।
प्रशांत जेठमलानी न सिर्फ अशरफ भाई का ख्याल रख रहे हैं, लेकिन साथ ही साथ उनके लिए पैसों का इंतजाम करने की कोशिश कर रहे हैं। प्रशांत ने खुलासा किया था कि अशरफ भाई से बल्ले की मरम्मत कराने के बाद भी कई क्रिकेटरों ने उनके पैसे नहीं चुकाए हैं। इज्जत और फर्ज के चलते अशरफ ने अब तक किसी से पैसे की मांग नहीं की है, लेकिन जेठमलानी का मानना है कि अशरफ के इस मुश्किल समय में क्रिकेटर्स को आगे आना चाहिए।
सोनू सूद ने ली जिम्मेदारी
एक ट्विटर यूजर नवीन थियोने शनिवार को अशरफ भाई की भावुक कहानी को सोनू सूद के सामने लेकर आए और उनसे मदद की गुहार लगाई। यह देखकर सोनू सूद ने जवाब दिया, 'पता ढूँढो इस भाई का।' इसका मतलब है कि अब अशरफ भाई को जरूरी मदद पहुंच जाएगी क्योंकि सोनू सूद ने इतने दिनों में कोई काम टाला नहीं है।
बॉलीवुड एक्टर वाकई अशरफ भाई के लिए फरिश्ता बनकर आए हैं, जो उनके मुश्किल समय में साथ देने को राजी हुए।