- इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन के टीम इंडिया को गांगुली की कप्तानी से पहले कमजोर बताया था
- गावस्कर ने उन्हें इसी बयान की वजह से आड़े हाथों लिया है और उनकी जमकर आलोचना की है
- जो मैदान पर छाती नहीं पीटता है वो ऐसा न करके कमजोर नहीं हो जाता
मुंबई: दिग्गज क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन के उस बयान की कड़ी आलोचना की है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सौरव गांगुली के कप्तान बनने से पहले भारतीय टीम ज्यादा मुश्किल टीम नहीं थी।
गावस्कर ने मिड डे के लिए कॉलम में लिखा, नासिर (हुसैन) यह कह गए हैं कि इससे पहले की टीम अपने प्रतिद्वंद्वियों को गुड मॉर्निग कहती थी और उन्हें देखकर मुस्कुराती थी? यह धारणा देखिए-अगर आप किसी के साथ अच्छे से पेश आते हैं तो आप कमजोर हैं। जब तक आप प्रतिद्वंद्वियों के मुंह पर नहीं चढ़ जाते, तब तक आप मजबूत नहीं हैं।
उन्होंने कहा, क्या वह यह सलाह देना चाह रहे हैं कि सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग, वीवीएस लक्ष्मण, अनिल कुंबले और हरभजन सिंह जैसे नाम मजबूत नहीं थे? सिर्फ इसीलिए कि वह किसी से मतलब रखे बिना सिर्फ अपने काम पर ध्यान देते थे? छातियां नहीं पीटते थे, मैदान पर चीखते-चिल्लाते नहीं थे, क्या इसीलिए वे कमजोर थे?।
गावस्कर ने हुसैन की इस टिप्पणी के लिए उनकी आलोचना करते हुए कहा कि वह वर्ष 2000 में गांगुली को कप्तान नियुक्त करने से पहले भारतीय टीम के बारे में जानते ही क्या हैं। उन्होंने कहा, क्या वह 70 और 80 के दशक की टीमों के बारे में अच्छे से जानते हैं, जिन्होंने घर और विदेश दोनों जगह जीत हासिल की थी। हां, गांगुली टॉप कप्तान थे, उन्होंने भारतीय क्रिकेट में सबसे नाजुक समय में बागडोर संभाली। लेकिन यह कहना कि उनसे पहले की टीम मजबूत (टफ) नहीं थी, बकवास है।
गावस्कर ने कहा कि यह बहुत ही दुखद बात है कि किसी ने उन्हें शो पर नहीं रोका। अब यह समय है कि जब भी कोई विशेषज्ञ अपनी राय देता है तो टीवी पर लोग सिर्फ सिर हिलाते हैं। ऐसे में इस बात का विरोध नहीं करना, इस धारणा को मजबूत करता है कि हम बहुत विनम्र हैं और इस वजह से मजबूत नहीं हैं।