- आईपीएल के बाद स्विडिश क्रिकेट एसोसिएशन के साथ जुड़ेंगे जॉन्टी रोड्स
- आईपीएल 2020 में रोड्स किंग्स इलेवन पंजाब के साथ काम कर रहे हैं
- उनके पास द. अफ्रीकी क्रिकेट टीम और आईपीएल में मुंबई इंडियन्स को कोचिंग देने का अनुभव है
स्टॉकहोम: दक्षिण अफ्रीका के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी और फील्डिंग से पूरी दुनिया में विशिष्ट पहचान बनाने वाले जॉन्टी रोड्स को स्वीडन के क्रिकेट एसोसिएशन ने राष्ट्रीय क्रिकेट टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया है। रोड्स इस साल नवंबर में ये जिम्मेदारी संभालेंगे। वर्तमान में रोड्स आईपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब के फील्डिंग कोच की भूमिका अदा कर रहे हैं। आईपीएल का आयोजन 19 सितंबर से 10 नवंबर तक होना है ऐसे में वो आईपीएल के बाद ये नई जिम्मेदारी संभालेंगे।
रोड्स ने अपनी नई भूमिका के बारे में आधिकारित तौर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह इस नयी चुनौती के लिये तैयार हैं क्योंकि यह देश अपने क्रिकेट के लिये मशहूर नहीं है। उन्होंने कहा, मैं अपने परिवार के साथ स्वीडन जाने और स्वीडन क्रिकेट समुदाय के साथ काम करने को लेकर रोमांचित हूं। यह मौका सही समय पर मिला है। मैं जल्द से जल्द अपना काम शुरू करना चाहता हूं। मैं स्वीडिश क्रिकेट एसोसिएशन का शुक्रगुजार हूं। मैं एक नए वातावरण में इस नई जिम्मेदारी को अपनी पूरी क्षमता के साथ निभाने की कोशिश करूंगा।
स्वीडन में पिछले 2 साल में क्रिकेट खेलने वालों की संख्या में 300 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। स्वीडन में क्रिकेट दूसरा सबसे तेज गति से बढ़ने वाला खेल है। स्वीडिश क्रिकेट का आधार पुरुष क्रिकेट खिलाड़ियों के लिहाज से मजबूत है। ऐसे में स्वीडिश क्रिकेट एसोसिएशन वहां के सभी क्रिकेट संघों के साथ मिलकर अपनी गतिविधियों को बढ़ाने और मौके बनाने में जुटा है। उसका उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा बच्चों, युवाओं, पुरुष, महिला और लड़कियों को अपने साथ जोड़ना है।
रोड्स ने द. अफ्रीका के लिए करियर में 52 टेस्ट, 245 वनडे मैच खेल। इस दौरान उन्होंने दोनों फॉर्मेट में कुल मिलाकर 8,467 रन बनाए। आज भी उनका नाम क्रिकेट इतिहास के सबसे बेहतरीन फील्डर के रूप में लिया जाता है। रोड्स ने दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट टीम के कोचिंग स्टाफ में भी जुड़े रहे हैं। किंग्स इलेवन पंजाब के साथ जुड़ने से पहले वो कई साल तक मुंबई इंडियन्स के साथ बतौर फील्डिंग कोच जुड़े रहे थे। साल 2003 में दक्षिण अफ्रीका की मेजबानी में आयोजित विश्व कप के दौरान चोटिल होकर टीम से बाहर होने के बाद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। वो 1992 से 2003 तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सक्रिय थे।