नई दिल्लीः भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई (एसीयू) खाली स्टेडियमों में होने वाले आगामी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के दौरान सोशल मीडिया के जरिये होने वाली भ्रष्ट पेशकश को रोकने पर ध्यान देगी और इससे पहले वह खिलाड़ियों को ‘वीडियो काउंसलिंग’ के जरिये शिक्षित करेगी।
अजित सिंह की अगुवाई में बीसीसीआई की आठ सदस्यीय टीम मंगलवार को दुबई पहुंची और अभी वह पृथकवास पर है। सिंह पहले ही कह चुके हैं कि 19 सितंबर से शुरू होने वाला आईपीएल पूर्व के टूर्नामेंटों की तुलना में अधिक सुरक्षित है क्योंकि यह जैव सुरक्षित वातावरण में खेला जाएगा। स्टेडियम में दर्शक नहीं होंगे और प्रशंसकों को टीम होटल में आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसे भी वाकये हुए हैं जबकि भ्रष्ट लोगों ने प्रशंसक के रूप में खिलाड़ियों से संपर्क किया।
एसीयू सभी आठ टीमों से अलग-अलग बात करेगी तथा यह सत्र उन युवा खिलाड़ियों के लिये अधिक उपयोगी होगा जिन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट या आईपीएल की चकाचौंध का अनुभव नहीं है। स्थापित खिलाड़ी पहले ही एसीयू के नियमों से अवगत हैं। सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘इस बार वीडियो काउंसलिंग होगी और यह एक के बाद एक आधार नहीं की जाएगी। हम इसे समूह और व्यक्तिगत आधार पर भी कर सकते हैं। यह परिस्थितियों पर निर्भर है। हम एक टीम के बाद दूसरी टीम के साथ काउंसलिंग करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने खेल इंटीग्रिटी एजेंसियों को भी काम पर रखा है। हम खिलाड़ियों की गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिेये उनकी मदद लेंगे कि वहां कोई संदिग्ध है।’’ खिलाड़ियों को बताया जाएगा कि सट्टेबाज सोशल मीडिया या फोन (वाट्सएप) के जरिये उनसे संपर्क बनाने की कोशिश कर सकते है क्योंकि जैव सुरक्षित वातावरण में इन दोनों के माध्यम से ही वे खिलाड़ियों तक पहुंच बना सकते हैं।
सिंह ने कहा, ‘‘भारत में अगर हमें जानकारी चाहिए होती है तो हम आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) के साथ सूचनाओं का आदान प्रदान करते हैं। यहां भी ऐसा है। अभी तक कुछ भी संदिग्ध नहीं बताया गया है। हमारे पास प्रत्येक टीम में दो सुरक्षा संपर्क अधिकारी भी हैं।’’ राजस्थान पुलिस के पूर्व महानिदेशक ने कहा, ‘‘वे जैव सुरक्षित वातावरण पर नजर रखेंगे।’’ एसीयू टीम छह दिन के पृथकवास का समय पूरा होने के बाद सत्र शुरू करेगी तथा इसे टीमों के अभ्यास सत्र को ध्यान में रखकर आयोजित किया जाएगा।