- विराट कोहली दुनिया के सबसे फिट खिलाड़ियों में से एक हैं
- कोहली ने 2014/15 में अपनी फिटनेस पर बहुत अधिक ध्यान दिया था
- भारतीय टीम में सिलेक्शन के लिए खिलाड़ियों को यो-यो टेस्ट पास करना जरूरी है
नई दिल्ली: टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली दुनिया में सबसे फिट खिलाड़ियों में से एक माने जाते हैं। कोहली ने 2014/15 में अपना फिटनेस स्तर सुधारने की पहल की थी और दो साल बाद भारतीय टीम में सिलेक्शन का एक मापदंड बन गया था फिटनेस। कोहली ने शंकर बासू की मदद से अपनी फिटनेस पर काफी काम किया और खुद को दुनिया के सबसे फिट खिलाड़ियों की लिस्ट में शामिल किया।
2011 विश्व कप में टीम इंडिया के बैकरूम स्टाफ के सदस्य पैडी अप्टन ने खुलासा किया कि फिटनेस में सुधार की मदद से कोहली बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब रहे। अप्टन के मुताबिक कोहली को एहसास हुआ कि उनका वजन कुछ ज्यादा है और विश्व में सर्वश्रेष्ठ बनने के लिए उन्हें अपनी फिटनेस पर काम करना होगा।
विराट को ऐसे हुआ महसूस
पैडी अप्टन ने टाइम्स ऑफ इंडिया वेबसाइट से बातचीत में कहा, 'मुझे लगता है कि एक टर्निंग प्वाइंट तब आया जब विराट को एहसास हुआ कि वह थोड़े ज्यादा वजनी है और औसतन फिट हैं। कोहली में विश्व का सर्वश्रेष्ठ बनने की चाह थी। वह शारीरिक तौर पर दुनिया के सबसे फिट खिलाड़ियों में से एक बनना चाहते थे। यह बदलाव उनकी फिटनेस में आया। यह टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ और वह प्रतिभाशाली क्रिकेटर होने के साथ-साथ आगे बढ़ने में कामयाब रहे। यह उच्च प्रतिभाशाली क्रिकेटर होने के साथ-साथ बेहतरीन फिट होकर दमदार प्रदर्शन करने में भी सफल रहे।'
कोहली की अच्छी फिटनेस का असर उनके खेल पर भी पड़ा और वह 2015 के बाद से भारतीय क्रिकेट का चेहरा बन गए। कोहली 2017 में सीमित ओवर टीम के कप्तान बने और तीन साल से ज्यादा समय से राष्ट्रीय टीम का नेतृत्व क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में कर रहे हैं। अब भारतीय टीम में सिलेक्शन के लिए खिलाड़ी की फिटनेस काफी मायने रखती है। अगर राष्ट्रीय टीम में किसी खिलाड़ी को जगह पाना है तो उसे यो-यो टेस्ट पास करना पड़ता है।
रवि शास्त्री की अध्यक्षता वाले कोचिंग स्टाफ ने 2017 में यो यो टेस्ट अनिवार्य कर दिया है। अंबाती रायुडू, मोहम्मद शमी, युवराज सिंह और सुरेश रैना टेस्ट में फेल होने के कारण टीम से बाहर हुए जबकि संजू सैमसन को भारत ए टीम से बाहर किया गया क्योंकि वह यो यो टेस्ट में पास नहीं हो सके थे।