- सुनील छेत्री ने इंस्टाग्राम लाइव सेशन में विराट कोहली का इंटरव्यू किया
- कोहली ने बताया कि जूनियर क्रिकेट में वह टीम में सिलेक्ट नहीं हुए क्योंकि रिश्वत नहीं दी
- कोहली ने बताया कि पिता की मृत्यु से उन्हें करियर पर ध्यान देने का प्रोत्साहन मिला
नई दिल्ली: टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली जब 18 साल के थे तब उनके पिता प्रेम का देहांत हो गया था। कोहली ने भारतीय फुटबॉल स्टार सुनील छेत्री के साथ इंस्टाग्राम लाइव पर बातचीत करते हुए इस असहनीय क्षति को याद किया और बताया कि इससे उन्हें क्या कुछ सीखने को मिला। छेत्री द्वारा इंस्टाग्राम लाइव चैट शो इलेवन ऑन टेन पर कोहली ने जूनियर क्रिकेट की उस घटना को याद किया जब उनका टीम में चयन नहीं हुआ क्योंकि पिता ने ऐसा करने के लिए रिश्वत देने से मना कर दिया था।
कोहली ने कहा, 'मेरे गृह नगर (दिल्ली) कभी-कभी चीजें सही तरह नहीं होती। एक ऐसे ही मौका था जब कोई सेलेक्शन के लिए नियमों को नहीं मान रहा था। उसने मेरे पिता से कहा था कि मुझे सेलेक्शन के लिए मेरिट में आना होगा और अगर वो चाहते हैं कि मेरा चयन हो जाए तो कुछ अतिरिक्त (संभवत: रिश्वत) देना होगा। मेरे पिता ईमानदार मिडिल क्लास आदमी थे, जो सफल वकील बनने के लिए कड़ी मेहनत करते रहे। उन्हें समझ नहीं आया कि कुछ अतिरिक्त का मतलब क्या है। मेरे पिता ने कहा- अगर आपको विराट को सेलेक्ट करना है तो बिलकुल मेरिट के आधार पर कीजिए। मैं आपको कुछ अतिरिक्त नहीं दे सकता।'
कोहली ने आगे कहा, 'मेरा सेलेक्शन नहीं हुआ। मैं खूब रोया। मैं टूटा हुआ महसूस कर रहा था। मगर उस घटना से मुझे काफी कुछ सीखने को मिला। मुझे एहसास हुआ कि अगर सफल बनना है तो अलग दिखना होगा। मुझे कुछ हासिल करने के लिए अपने प्रयासों और कड़ी मेहनत पर विश्वास करना होगा। मेरे पिता ने मुझे इशारों से ही सही दिशा दिखा दी न कि शब्दों का प्रयोग किया।'
कैसे मिला प्रोत्साहन
कोहली ने खुलासा किया कि जब उनके पिता का देहांत हुए तो उन्हें क्रिकेट के अपने सपने को पूरा करने के लिए प्रोत्साहन मिला। भारतीय कप्तान ने कहा, 'मैंने उनकी मृत्यु स्वीकार कर ली थी क्योंकि मैं अपने करियर में आगे बढ़ने पर ध्यान दे रहा था। मैं तो उनकी मृत्यु के बाद रणजी ट्रॉफी के मैच में बल्लेबाजी करने गया था। उनकी मौत ने मुझे महसूस कराया कि मुझे अपनी जिंदगी में कुछ करना है। मैं कभी सोचता हूं कि कितना अच्छा होता कि मैं अपने पिता को शांति से रिटायरमेंट वाली जिंदगी दे पाता, जिसके वो हकदार हैं। कई बार उनके बारे में सोचने के बाद मैं भावुक हो जाता हूं।'