- भारत इंग्लैंड के बीच चेन्नई टेस्ट में किया गया एसजी की नई टेस्ट बॉल का इस्तेमाल
- विराट कोहली और आर अश्निन ने मैच के बाद उठाए हैं गेंद की गुणवत्ता पर सवाल
- पहले की तुलना में जल्दी खराब हो रही है गेंद की सीम
चेन्नई: टीम इंडिया की इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में खेले गए पहले टेस्ट मैच में 227 रन के अंतर से करारी हार के बाद मैच में 9 विकेट लेने वाले रविचंद्रन अश्निन ने एसजी टेस्ट गेंद की गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे। ऐसे में हार के बाद इस मामले में अश्निन को टीम के कप्तान विराट कोहली का भी साथ मिला है।
अश्निन बोले पहले नहीं होता था ऐसा
अश्विन ने चौथे दिन का खेल समाप्त होने के बाद एसजी की नई टेस्ट बॉल की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए सोमवार को कहा था, 'गेंद सुंदर है लेकिन हमारे लिये कुछ अजीब था। मैंने कभी एसजी गेंद को सीम से इस तरह खराब होते नहीं देखा। शायद पहले दो दिन पिच कठोर होने से ऐसा हुआ। लेकिन दूसरी पारी में भी 35-40 ओवर के बाद यह देखने को मिला।'
अंपायरों ने नहीं माना था गेंद बदलने का अनुरोध
ऐसे में कप्तान विराट कोहली ने मैच के बाद रविचंद्रन अश्विन से सहमति जताते हुए कहा कि पहले टेस्ट में वह इस्तेमाल हुई एसजी गेंदों की गुणवत्ता से संतुष्ट नहीं हैं। भारतीय गेंदबाज गेंद की हालत से खुश नहीं थे और इसे बदलने के उनके अनुरोध को मैदानी अंपायरों नितिन मेनन और अनिल चौधरी ने नहीं माना था।
60 ओवर बाद खराब हो रही है गेंद की सीम
ऐसे में कोहली ने कहा, 'एसजी टेस्ट गेंदों का वह स्तर नहीं था जो अतीत में होता था। गेंद 60 ओवर के बाद पूरी तरह खराब हो रही थी और टेस्ट में ऐसा नहीं होना चाहिये। कोई टीम इसकी अपेक्षा नहीं करती। यह कोई बहाना नहीं है। इंग्लैंड की टीम अच्छा खेली और जीत की हकदार थी।'
भारत में टेस्ट क्रिकेट में होता है एसजी गेंदों का इस्तेमाल
भारत में टेस्ट क्रिकेट एसजी की गेंद से खेली जाती है। जबकि विदेशों में ड्यूक या कोकोबुरा की गेंदों का टेस्ट क्रिकेट में इस्तेमाल होता है। भारत में टेस्ट क्रिकेट के लिए गेंदों का निर्माण मेरठ की सांसपारेल्स ग्रीनलैंड्स (एसजी) करती है और उसने भारत इंग्लैंड सीरीज के लिए नयी गेंद बनाई थी जो पहले की अपेक्षा गहरे रंग की है। माना जा रहा था कि इससे अधिक सीम मिलेगी लेकिन पहले टेस्ट मैच के बाद गेंदबाजों ने गेंद की गुणवत्ता पर ही सवाल उठा दिए हैं।