- लतीफ ने कहा कि सहवाग अगर दूसरे देश के लिए खेलते तो 10,000 टेस्ट रन पूरे कर लेते
- लतीफ ने कहा कि सहवाग गेंदबाजों पर हावी होकर खेलना पसंद करते थे
- लतीफ ने कहा कि सहवाग के रिकॉर्ड खुद उन्हें साबित करते हैं
लाहौर: पाकिस्तान के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज राशिद लतीफ ने पूर्व विस्फोटक भारतीय ओपनर वीरेंद्र सहवाग की जमकर तारीफ की है। लतीफ ने कहा कि वीरू ने अधिकांश अपना करियर सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ की छांव में खेला। नजफगढ़ के नवाब के नाम से मशहूर सहवाग ने 104 टेस्ट में 49.34 की औसत व 23 शतक और 32 अर्धशतकों की मदद से 8586 रन बनाए हैं। हालांकि, लतीफ ने कहा कि अगर वीरू किसी और देश के लिए खेलता तो 10,000 टेस्ट रन का आंकड़ा जरूर पार करता।
लतीफ ने कहा कि 41 साल के सहवाग निडर खिलाड़ी थे। लतीफ ने कहा कि वीरू जैसे प्रभावी खिलाड़ी उच्च स्तर पर सफलता का स्वाद चखते हैं। 37 टेस्ट और 166 वनडे में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करने वाले लतीफ ने कहा कि जब भी सहवाग बल्लेबाजी करने आता था तो विराधी खेमा चिंतित हो जाता था।
सहवाग के रिकॉर्ड उसकी बात बोलते हैं
राशिद लतीफ ने एक यू-ट्यूब शो कॉट बिहाइंड पर बातचीत करते हुए कहा, 'वीरेंद्र सहवाग हावी होकर खेलता था। हमें उन ओपनर्स को देखने की आदत थी, जो शुरुआत में समय लेते थे। पिच को भांपते थे। फिर ग्लेन मैक्ग्रा, ब्रेट ली, वसीम अकरम और शोएब अख्तर जैसे गेंदबाजों का सामना करने के लिए जज्बा भी चाहिए। मगर सहवाग ऐसा था, जिस पर किसी का डर नहीं था। वह प्रभावी बल्लेबाज था। वह अपनी टीम के लिए बहुत असरदार था और उसके जैसे खिलाड़ी विश्व क्रिकेट में सफल होते हैं।'
लतीफ ने आगे कहा, 'सहवाग के रिकॉर्ड उसके लिए बोलते हैं। उसने टेस्ट क्रिकेट में 8,000 से ज्यादा रन बनाए हैं। वीरू वो खिलाड़ी रहा, जो दूसरा की परछाई में खेला। वह सचिन और द्रविड़ की परछाई में खेला। अगर वीरू किसी और देश के लिए खेलता तो आसानी से 10,000 टेस्ट रन का आंकड़ा पार करता। उसे सिर्फ डेढ़ हजार रन ही बनाना थे।'
साल 2004 में वीरेंद्र सहवाग टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक जमाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने थे। वीरू ने पाकिस्तान के खिलाफ मुल्तान में यह उपलब्धि हासिल की थी। चार साल बाद यानी 2008 में सहवाग ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम पर अपना दूसरा तिहरा शतक जमाया था। सहवाग ने इस पारी में 319 रन बनाए थे, जो आज भी टेस्ट क्रिकेट में किसी भारतीय द्वारा बनाया सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर है। मार्च 2013 में वीरेंद्र सहवाग ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला था। यह उनका आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच भी साबित हुआ।