- दिसंबर 2017 में वॉशिंगटन सुंदर ने किया था वनडे डेब्यू
- उसके बाद चार साल तक नहीं मिला एकादश में शामिल होने का मौका
- चोट से उबरकर की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में धमाकेदार वापसी, पहले ही मैच में झटके 3 विकेट
अहमदाबाद: दिसंबर 2017 में 18 साल की उम्र में श्रीलंका के खिलाफ मोहाली में वनडे डेब्यू करने वाले ऑलराउंडर वॉशिंगटन सुंदर को 4 साल लंबे अंतराल के अंतिम एकादश में शामिल होने का मौका मिला। वेस्टइंडीज के खिलाफ रविवार को वॉशिंगटन सुंदर ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 30 रन देकर 3 विकेट चटकाए। सुंदर ने एक ओवर में विंडीज को दोहरे झटके देकर बैकफुट पर धकेल दिया था। हालांकि जेसन होल्डर की अर्धशतकीय पारी की बदौलत वेस्टइंडीज की टीम सम्मानजनक स्कोर खड़ा करने में सफल रही।
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टेस्ट डेब्यू करने के बाद सुंदर ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। ऊंगली की चोट के कारण पांच महीने क्रिकेट से दूर रहना पड़ा लेकिन उन्होंने पहले वनडे में शानदार प्रदर्शन के बाद स्वीकार किया कि इस समय का इस्तेमाल उन्होंने खुद को बेहतर करने में किया क्योंकि बतौर खिलाड़ी यही उनके हाथ में था। वॉशिंगटन इसके कारण टी20 विश्व कप में भी नहीं खेल सके और कोरोना संक्रमित होने की वजह से दक्षिण अफ्रीका दौरे पर भी नहीं जा सके।
चोट से उबरते हुए खेल में सुधार के लिए जो कर सकता था किया
सुंदर की गैरमौजूदगी में रविचंद्रन अश्विन को मौका मिला लेकिन सफेद गेंद के खेल में उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा। ऐसे में खराब प्रदर्शन के बाद एक बार फिर सीमित ओवरों की टीम से अश्विन को बाहर किये जाने के बाद वॉशिंगटन को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी का मौका मिला जिसे उन्होंने खाली नहीं जाने दिया। वॉशिंगटन ने पहले वनडे के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'बहुत सी चुनौतियां थीं लेकिन मैं बतौर क्रिकेटर खुद में सुधार करने के लिये जो कुछ कर सकता था, वह करना चाहता था। यही मेरे हाथ में था और मैं इसी पर ध्यान लगाये था।'
परेशानियां आती रहेंगी, उनसे निपटना होगा
वॉशिंगटन पिछले दो वर्षों में समझ चुके हैं कि परेशानियां आती रहेंगी लेकिन उन्हें इनसे निपटने के लिये तरीका निकालना होगा। टी20 विश्व कप के बाद कोविड-19 के कारण दक्षिण अफ्रीका की फ्लाइट चूकने वाले इस खिलाड़ी ने कहा, 'हां, चुनौती हमेशा बनी रहेंगी, पिछले दो वर्षों में विशेषकर मैंने यही महसूस किया है। लेकिन मायने यही रखता है कि मैं खुद को कैसे आगे बढ़ाता हूं, खुद को सुधार करते रहना अहम है। मैंने इस पर ध्यान लगाने की कोशिश की।'