क्रिकेट के मैदान पर कुछ घटनाएं, कुछ किस्से ऐसे होते हैं जिन्हें भुलाना मुश्किल होता है। भारतीय क्रिकेट इतिहास में भी कई ऐसे पल आए हैं और ऐसा ही एक पल आज के दिन आय़ा था 1977 में। उस साल वो आज की तारीख (6 जनवरी) ही थी, जब कोलकाता के मैदान पर अजीबोगरीब नजारे देखने को मिले थे। इंग्लैंड के खिलाफ भारत हार की दहलीज पर था, फिर भी कोलकाता में 90 हजार दर्शक मैदान में पहुंच गए। आपको बताते हैं कि ऐसा क्यों हुआ था।
इंग्लैंड की टीम 1977 में भारत दौरे पर थी। सीरीज का दूसरा टेस्ट कोलकाता में खेला जा रहा था। मैच में इंग्लैंड की टीम पूरी तरह से हावी रही थी और अंतिम दिन जब दोनों टीमें मैदान पर उतरीं तो भारत को पारी की हार टालने के लिए 21 रन चाहिए थे। जबकि इंग्लैंड को सस्ता लक्ष्य हासिल करने के लिए सिर्फ भारत के 3 विकेट गिराने थे।
90 हजार दर्शक पहुंचे मैदान पर
दरअसल, उन दिनों क्रिकेट उतना नहीं खेला जाता था और जितना भी होता था, दर्शक उसका पूरा लुत्फ उठाना चाहते थे। शायद यही वजह थी कि उस मैच के अंतिम दिन 90 हजार दर्शक मैदान पर इसलिए जुटे ताकि वे भारत के पुछल्ले बल्लेबाजों को वो 21 रन बनाने के लिए प्रेरित कर सकें जिससे पारी की हार टल जाती।
हुआ भी यही, भारत ने किसी तरह इंग्लैंड के आक्रामक गेंदबाजों का सामना करते हुए 21 रन तो बनाए, हालांकि उसके कुछ ही देर के अंदर इंग्लैंड ने बाकी बचे 3 विकेट गिराए और उनको कुल 16 रन का लक्ष्य मिला। इंग्लैंड ने फिर आसानी से 10 विकेट से जीत दर्ज कर ली।
उस मैच का हाल
उस मैच की पहली पारी में भारतीय टीम बॉब विलिस (5 विकेट) के कहर के सामने ढेर हो गई थी। भारतीय टीम सिर्फ 155 रनों पर सिमट गई थी। जवाब में इंग्लैंड की टीम की तरफ से उनके कप्तान टोनी ग्रेग ने 103 रनों की पारी खेली और इंग्लैंड ने ऑलआउट होने से पहले अपनी पहली पारी में 321 रन बना लिए। भारत की तरफ से इस पारी में बिशन सिंह बेदी ने 110 रन लुटाते हुए 5 विकेट लिए थे।
भारत ने फिर अपनी दूसरी पारी में निराश किया और इस बार वे 181 रन पर ऑलआउट हो गए। भारत पारी की हार से तो बच गया लेकिन इंग्लैंड को सिर्फ 16 रन का लक्ष्य मिला जो उन्होंने कुछ ही देर में बिना कोई विकेट गंवाए हासिल कर लिया। इंग्लैंड ने वो सीरीज 3-1 से अपने नाम की थी। सीरीज के पहले तीनों टेस्ट इंग्लैंड ने जीते थे, चौथा टेस्ट भारत ने जीता जबकि अंतिम टेस्ट ड्रॉ रहा था।