- जहीर खान ने सौरव गांगुली की कप्तानी में की करियर की शुरुआत
- धोनी की कप्तानी में जीता विश्व कप, इसके बाद कहा क्रिकेट को अलविदा
- दोनों खिलाड़ियों ने युवाओं का किया जमकर समर्थन
मुंबई: आम तौर पर दो कप्तानों की तुलना उनके मैदान पर टीम के नेतृत्व और कार्यशैली के आधार पर की जाती है लेकिन कई बार दो अपने-अपने दौर के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों के बीच समानताएं भी ढूंढी जाती हैं। ऐसा ही भारतीय क्रिकेट इतिहास के बांए हाथ के सबसे सफल तेज गेंदबाज जहीर खान ने भी किया है। जहीर ने सौरव गांगुली की कप्तानी में अपने करियर की शुरुआत की और एमएस धोनी की कप्तानी में खेल को अलविदा कहा। जहीर को गांगुली की कप्तानी में विश्व कप के फाइनल में पहुंचने का मौका मिला जबकि धोनी की कप्तानी में वो विश्व विजयी बने।
भारत के सबसे सफल तेज गेंदबाजों में से एक जहीर का मानना है कि भारत के दो सबसे सफल कप्तानों गांगुली और धोनी में बहुत सारी समानताएं थीं। जहीर ने कहा, निश्चित रूप से, गांगुली ने जिस तरह से सपोर्ट दिया, वैसा ही सपोर्ट आपको अपने करियर के शुरुआती दौर में मिलना चाहिए। जब आप अपना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने करियर की शुरुआत करते हैं तो आपको इसी तरह के सपोर्ट की जरूरत होती है। यह आप पर निर्भर करता है कि आप अपने करियर को कैसे आगे बढ़ाते हैं, लेकिन शुरुआती सपोर्ट काफी अहम होता है।
दोनों ने किया युवाओं का सपोर्ट
2011 विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा रहे जहीर ने आगे कहा, दोनों( सौरव और धोनी) ने लंबे समय तक भारत का नेतृत्व किया है। मैंने धोनी में काफी बदलाव देखा है। जब एमएस टीम में आए थे, तब टीम में काफी अनुभवी खिलाड़ी थे। इसलिए उन्हें ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं पड़ी थी। जहीर ने साथ ही कहा, लेकिन जब सीनियर खिलाड़ियों ने संन्यास लेना शुरू कर दिया तो उन्हें युवा क्रिकेटरों को संवारना था। उन्होंने वैसा ही कुछ किया, जो दादा (गांगुली) ने युवा क्रिकेटरों के साथ किया था।
जहीरभारतीय क्रिकेट में हर दशक के बाद एक कप्तान ने दूसरे के हाथ में टीम की मशाल सौंप दी। ऐसे में जीत खिलाड़ी को भी ये अहम जिम्मेजदारी मिली उसने टीम के खेल को एक अलग की स्तर पर पहुंचा दिया।