- अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से आईपीएल 2020 तक, सब खतरे में
- जैव सुरक्षित माहौल नहीं है काफी, बीच में रद्द हो सकती है इंग्लैंड-पाक सीरीज और आईपीएल
- कोरोना वायरस नहीं, बल्कि वजह कुछ और ही है
कोरोना काल में सब कुछ नुकसान में चल रहा है और खेल जगत भी इससे अछूता नहीं है। मैच तो शुरू हो गए हैं लेकिन दर्शकों के मैदान पर ना आने और टीवी पर दर्शकों की संख्या में इजाफा ना होना बड़ी मुसीबत बनता जा रहा है। इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) की ताजा हालत इस बात की गवाह है। इंग्लैंड ने ही हिम्मत करके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट बहाल करने की तरफ कदम उठाया, पहले इंग्लैंड-वेस्टइंडीज टेस्ट सीरीज, फिर इंग्लैंड-आयरलैंड वनडे सीरीज और अब इंग्लैंड-पाकिस्तान टेस्ट और टी20 सीरीज। लेकिन इससे कुछ फर्क नहीं पड़ा है। इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड की तिजोरी अब खाली होने की कगार पर है और ऐसा लगने लगा है कि कहीं क्रिकेट फिर से थम ना जाए। इसके अलावा इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में भी पर्दे के पीछे हंगामा शुरू हो गया है।
एक ब्रिटिश अखबार में छपी खबर में ये दावा किया गया है कि इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) खर्चों में कटौती के लिए कई कदम उठाने की तैयारी में है, क्योंकि कोविड-19 महामारी के कारण उसे 18 करोड़ 20 लाख पाउंड के संभावित नुकसान की आशंका है। ईसीबी ने 18 प्रथम श्रेणी काउंटी और काउंटी बोर्ड के साथ बुधवार को बैठक की जहां उसने सूचित किया कि उसे मौजूदा वित्त वर्ष में कम से कम 10 करोड़ 60 लाख पाउंड का नुकसान होने की आशंका है।
क्रिकेट कराने को लेकर प्रतिबद्ध लेकिन कब तक..
वैसे हालात जो भी हों, इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड फिलहाल क्रिकेट को थामना नहीं चाहता और इसको जारी रखना चाहता है। हालांकि कुछ सूत्रों की खबरों के मुताबिक ऐसा सिर्फ बाहर जताने के लिए कहा जा रहा है जबकि अंदर स्थिति बेहद खराब है। समाचार पत्र की खबर के अनुसार, ‘‘इन आंकड़ों के अनुसार माना जा रहा है कि पुरुष अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के बाकी सत्र का जैविक रूप से सुरक्षित माहौल में आयोजन होगा जिसमें पाकिस्तान दौरा और सितंबर में आस्ट्रेलियाई टीम का छह मैचों के लिए सीमित ओवरों के क्रिकेट का दौरा शामिल है।’’
इंग्लैंड-पाकिस्तान सीरीज का क्या? अगर एक भी सीरीज रद्द हुई तो..
इसमें कहा गया, ‘‘लेकिन चेताया गया है कि अगर इनमें से कोई मैच रद्द होते हैं या ईसीबी अगले साल भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका दौरे की टिकट बेचने में नाकाम रहता है तो नुकसान सात करोड़ 60 लाख पाउंड तक बढ़ सकता है।’’ समाचार पत्र ने सूत्र के हवाले से कहा है कि ईसीबी अपने स्टाफ में 25 प्रतिशत तक की कमी कर सकता है। कोरोना वायरस महामारी के फैलने से पहले ईसीबी में 379 कर्मचारी थे।
पहले टॉम हैरिसन ने किया था ये दावा
इससे पहले भी इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) की तरफ से नुकसान को लेकर बात उठाई गई थी जब क्रिकेट के कोई आसार नहीं दिख रहे थे। उस समय ईसीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टॉम हैरिसन ने दावा किया था कि महामारी के कारण अगर पूरे सत्र में खेल नहीं हुआ तो इंग्लैंड में क्रिकेट को 38 करोड़ पाउंड का नुकसान होगा। इस अनुमानित नुकसान का आकलन अंतरराष्ट्रीय और घरेलू खेलों घरेलू क्रिकेट को ध्यान में रख कर किया गया था। उस दौरान ईसीबी ने जुलाई तक काउंटी सत्र को निलंबित करने का फैसला किया था। हालांकि बाद में बॉब विलिस ट्रॉफी का आगाज किया गया।
उस समय हैरिसन ने कहा था कि, ‘‘हमने सबसे बुरी स्थिति का अनुमान लगाया है जिसमें इस साल कोई क्रिकेट नहीं होने की तुलना में हमें 38 करोड़ पाउंड का नुकसान होगा। इस दौरान क्रिकेट के 800 दिनों (घरेलू और राष्ट्रीय टीम के मैचों को मिलाकर) के खेल का नुकसान होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस स्थिति से निपटना क्रिकेट में यह हमारे लिए अब तक की सबसे बड़ी चुनौती होगी।
100 बॉल क्रिकेट टूर्नामेंट को भी लगा धक्का
गौरतलब है कि इंग्लैंड में इसी साल 100 बॉल क्रिकेट यानी 'द हंड्रेड' को भी शुरू किया जाना था। इस नए फॉर्मेट वाले टूर्नामेंट की सभी टीमों व आयोजकों की तैयारी भी हो चुकी थी लेकिन महामारी के कारण लॉकडाउन की वजह से इसे नहीं कराया जा सकता। इसके रद्द होने सभी तमाम क्रिकेटरों व फैंस को करारा झटका लगा। इस क्रिकेट लीग ने तमाम दिग्गज क्रिकेटर जुड़े थे और साथ ही कई महान पूर्व क्रिकेटर इस टूर्नामेंट की टीमों के साथ कोच या कोचिंग स्टाफ के सदस्य के रूप में भी जुड़े थे।
आईपीएल की क्या समस्या है?
टी20 विश्व कप 2020 और एशिया कप रद्द होने के बाद ये तय हो गया था कि इस बार आईपीएल खेला जाएगा। कोरोना महामारी के चलते जो शंकाएं बनी हुई थीं, बीसीसीआई ने ऐलान करके इन सभी शंकाओं को खत्म कर दिया। इस बार आईपीएल यूएई में आयोजित होगा और खिलाड़ियों के लिए जैव सुरक्षित माहौल की व्यवस्था की जाएगी। गौरतलब है कि इसमें बहुत खर्चा होने वाला है। बीसीसीआई ने बुधवार को सभी टीमों को एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) थमा दी है, ये वो नियम हैं जिनका कोरोना काल में पालन अनिवार्य होगा। इन सभी सुविधाओं की तैयारी में काफी खर्चा होगा जैसे हर टीम के लिए अलग होटल की व्यवस्था। ऊपर से टाइटल स्पॉन्सर वीवो भी अलग हो गया है। बेशक बीसीसीआई सबसे अमीर बोर्ड है लेकिन उसको भी नुकसान झेलना पड़ सकता है।
टीमों में भी है इस बात का डर
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट बहाल हो चुका है और सितंबर में आईपीएल भी शुरू हो जाएगा लेकिन आईपीएल की सभी टीमें खौफ में भी हैं। इसकी वजह है कोरोना संक्रमण। किंग्स इलेवन पंजाब के सह-मालिक नेस वाडिया के एक बेबाक बयान ने स्थिति साफ कर दी है। वाडिया ने कहा है कि यूएई में आईपीएल कराने का फैसला तो ले लिया गया है लेकिन अगर एक खिलाड़ी को भी कोरोना हो गया तो सब कुछ धरा का धरा रह जाएगा। जाहिर तौर पर इससे ना सिर्फ बाकी तमाम सदस्यों के संक्रमित होने का खतरा होगा बल्कि टूर्नामेंट के आयोजन पर भी भी गाज गिर सकती है।
मैदान में कब लौटेंगे दर्शक? कब तक परिवारों से दूर रहेंगे खिलाड़ी
कोरोना काल में किकेट का आयोजन खिलाड़ियों को जैव सुरक्षित माहौल (बायो बबल) में रखकर किया जा रहा है। इस व्यवस्था के अंतर्गत कोई भी उस निर्धारित जगह से बाहर नहीं जाएगा और ना ही कोई बाहर से अंदर आएगा। ऐसे में खिलाड़ी अपने परिवारों से कब तक दूर रहेंगे जब महीने लंबे टूर्नामेंट के साथ-साथ आपको 14 दिन के क्वारंटाइन पीरियड से भी गुजरना पड़ेगा, टूर्नामेंट से पहले भी, बाद में भी और किसी खिलाड़ी के संक्रमित होने पर स्थिति और भी जटिल होगी। वहीं अगर मैदान पर दर्शकों के आने की बात की जाए तो ये अभी मुश्किल ही नजर आ रहा है। क्योंकि कोरोना संक्रमण अभी भी तमाम देशों में बरकरार है और स्टेडियम में एक संक्रमित का होना भी सबको मुश्किल में डाल सकता है। यानी दर्शकों से होने वाली कमाई भी अगले कई महीनों के लिए पानी में गई।
कौन लेगा फैसला?
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का संचालन तो कर सकता है लेकिन आईपीएल या द हंड्रेड जैसे तमाम लीग टूर्नामेंट में उसकी एक नहीं चलती। क्रिकेट बोर्ड अगर अपने हिसाब से चीजें करना जारी रखेंगे तो फैसला भी उन्हीं का होगा और रिस्क व चुनौती भी। ऐसे में उस देश की सरकार के पाले में फैसला लेने का हक आएगा जिसके देश में टूर्नामेंट खेला जा रहा है। उस देश में कोविड-19 महामारी की क्या स्थिति है और वहां पर किन व्यवस्थाओं की मंजूरी मिलेगी ये वहां की सरकार ही तय कर सकेगी। ऐसे में क्रिकेट बोर्ड को सुनश्चित करना होगा कि उसकी रणनीति आगे को देखकर बनी है क्योंकि कब क्या हो जाए और टूर्नामेंट रद्द करना पड़े पता नहीं।
सर्बिया वाली घटना से सीख लें क्रिकेट प्रशासक
टेनिस जगत में सर्बिया में नोवाक जोकोविच द्वारा कराया टूर्नामेंट सीख देने वाला था, जहां बीच टूर्नामेंट जोकोविच सहित कई खिलाड़ी संक्रमित हो गए जिसके बाद टूर्नामेंट को रद्द करना पड़ा और जोकोविच ने माफी भी मांगी और नुकसान भी झेला गया। टेनिस में भी तमाम बड़े टूर्नामेंट रद्द करने पड़े और तमाम टेनिस संघ व आयोजनकर्ता इसका नुकसान झेल रहे हैं। आने वाले दिनों में कोरोना महामारी कब तक रहती है ये किसी को पता नहीं इसलिए और नुकसान के लिए उन्हें तैयार रहना पड़ सकता है।