कराची: पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) के उन छह फ्रेंचाइजी मालिकों को मनाने की कोशिश कर रहा है, जिन्होंने इस टी20 लीग के वित्तीय मॉडल को लेकर लाहौर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। लाहौर कलंदर्स, क्वेटा ग्लैडिएटर्स, मुल्तान सुल्तान्स, कराची किंग्स, पेशावर जालमी और इस्लामाबाद यूनाइटेड के मालिकों ने अदालत में दायर एक संयुक्त याचिका में कहा कि व्यवहार्य वित्तीय मॉडल नहीं होने के कारण वे टूर्नामेंट की शुरुआत से अब तक अरबों रुपए गंवा चुके हैं।
'पीसीबी ने पांच वर्षों में अरबों रुपए कमाए हैं'
इन फ्रेंचाइजियों के अनुसार, वित्तीय मॉडल का झुकाव पीसीबी के पक्ष में है जिससे बोर्ड ने पीएसएल से पिछले पांच वर्षों में अरबों रुपए कमाए हैं जबकि टीम के मालिकों को अब भी नुकसान उठाना पड़ रहा हैं। पिछले सप्ताह इस मामले की पहली सुनवाई के दौरान पीसीबी की विधिक टीम ने फ्रेंचाइजी मालिकों के खिलाड़ी कड़ा रूख अख्तियार किया लेकिन इससे जुड़े सुत्रों ने बताया कि इस मामलों को अदालत से बाहर सुलझाने की कोशिशें तेज हो गयी है।
'पीसीबी को स्थिति की गंभीरता का अहसास'
सूत्र ने बताया, 'पीसीबी को स्थिति की गंभीरता का अहसास है क्योंकि पीएसएल उसके सबसे सफल ब्रांडों में से एक है। अगर स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई तो पाकिस्तान और विश्व स्तर पर मौजूदा आर्थिक स्थितियों में फ्रेंचाइजी की बिक्री आसान नहीं होगी।' फ्रेंचाइजियों की मुख्य आपत्ति यह है कि बार-बार आश्वासन देने के बाद भी पीसीबी लीग के वित्तीय मॉडल को संशोधित करने में विफल रहा है।
टपीसीबी से विस्तृत जवाब देने के लिए कहा'
मामले की अगली सुनवाई बुधवार को होगी। अदालत ने फ्रेंचाइजी मालिकों द्वारा दायर याचिका पर पीसीबी से विस्तृत जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा है। सूत्र ने बताया, 'फ्रेंचाइजी मालिकों को अपनी याचिका वापस लेने के लिए मनाने की कोशिश की जा रही है। उन्हें यह आश्वासन भी दिया गया है कि बोर्ड उनके साथ बैठकर उनकी शिकायतों का समाधान करने के लिए तैयार है।'