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Haryana: बेटे को अमेरिका भेजने का झांसा देकर विधवा महिला से ठगे 18 लाख 

Crime Representational Image
Updated Jun 04, 2020 | 20:44 IST

Duped of Rs 18 lakh in karnal:हरियाणा के करनाल में विदेश भेजने के नाम पर एक विधवा महिला से 18 लाख रुपये हड़प लिए जाने का मामला सामने आया है। 

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पीड़िता के बेटे को अमेरिका भेजने के लिए 22 लाख रुपये की मांग की गई थी
मुख्य बातें
  • महिला के पड़ोसियों में से एक ने उसे बताया कि एक शख्स लोगों को विदेश भेजता है
  • महिला का बेटा सागर भी नौकरी की तलाश में था, वो उसकी बातों में आ गई
  • महिला के बेटे को अमेरिका के बजाय भेज दिया कंबोडिया 

करनाल: हरियाणा के करनाल के सांच गांव की रहने वाली एक महिला ने दावा किया कि उसके पड़ोसी ने उसे 18 लाख रुपये का चूना लगाया था, महिला ने दावा किया कि उसके पड़ोसी ने उसके बेटे को अमेरिका भेजने के बहाने पैसे लिए थे। महिला की पहचान सरोज के रूप में हुई उसके  पति शमशेर सिंह हरियाणा पुलिस में सिपाही के पद पर कार्यरत थे वहीं आरोपी की पहचान दुर्गेश के रूप में हुई।

साल 2018 में पीड़ित महिला के पड़ोसियों में से एक ने उसे बताया कि दुर्गेश लोगों को विदेश भेजता था, जगतार नाम के पड़ोसी ने उसे बताया कि उसने अपने दो भाइयों- मुकेश और प्रवीण कुमार को भी अमेरिका भेजा था।दुर्गेश द्वारा अमेरिका भेजे गए लोग काम पाने में मुकेश और प्रवीण दोनों की मदद लेते थे। इसके बाद जगतार ने सुझाव दिया कि वे दुर्गेश से बात करें और अपने बेटे सागर को अमेरिका भेज दें।

संपर्क करने पर, दुर्गेश ने पुलिस वाले की पत्नी से उसके बेटे को अमेरिका भेजने के लिए 22 लाख रुपये की मांग की सरोज ने सितंबर 2018 में दुर्गेश को 10 लाख रुपये नकद दिए।

अमेरिका के बजाय पीड़िता के बेटे को कंबोडिया भेजा गया

14 सितंबर, 2018 को सरोज ने दुर्गेश को 8 लाख रुपये नकद दिए। पैसा लेने के बाद दुर्गेश ने सागर को गुरुग्राम भेज दिया। दुर्गेश ने सरोज को बताया कि उसका बेटा 2 दिन बाद अमेरिका के लिए उड़ान भरेगा। 28 सितंबर, 2018 को सागर को अमेरिका के बजाय कंबोडिया भेज दिया गया।

24 अक्टूबर को, सागर ने अपने परिवार को बताया कि उसे मेक्सिको भेजा गया था और उसका पासपोर्ट छीन लिया गया था।इसके बाद सागर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इस बीच, आरोपी ने सागर के परिवार को फोन किया और उसकी रिहाई के लिए 10 लाख रुपये की मांग की,सागर लगभग 14 महीने सलाखों के पीछे रहने के बाद भारत लौट आया।