उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में लव जिहाद का मामला गर्माया हुआ है वहीं इस मामले में यूपी की एक कोर्ट के आदेश पर लव-जिहाद के आरोपी और उसके भाई को रिहा किया जाएगा।मुरादाबाद में लव जिहाद के आरोप में एक महिला के पति को गिरफ्तार किया गया था वहीं महिला को शेल्टर होम भेज दिया गया था, महिला के पति और देवर को 13 दिनों तक जेल में रखा गया था वहीं पुलिस को जांच में अब तक इस केस में जबरन धर्मांतरण कराने के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है कहा जा रहा है कि मामले में ये मोड़ आने के बाद महिला के पति और उसके भाई को को रिहा किया जाएगा।
मुरादाबाद पुलिस ने इस महीने की शुरुआत में एक व्यक्ति और उसके भाई को नए धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत गिरफ्तार किया था।ये मामला उस वक्त सुर्खियों में आया था जब दोनों अपने निकाह का पंजीकरण करवाने जा रहे थे, जिसकी शिकायत स्थानीय बजरंग दल इकाई ने की थी। पुलिस ने एक रिपोर्ट पेश की, जिसमें कहा गया है कि इस मामले में दोनों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले, यह साबित नहीं हुआ कि आरोपी और उसके भाई ने महिला का जबरन धर्मांतरण कराया था।
महिला ने जिले के एक शेल्टर होम पर गंभीर आरोप लगाया था महिला का आरोप है कि राज्य के नए 'लव जिहाद' कानून के तहत उसके पति के गिरफ्तार होने के बाद उसे नारी निकेतन गृह में रखा गया जहां उसे चिकित्सा सुविधा देने में अनदेखी की गई और इस वजह से उसका गर्भपात हो गया। महिला का आरोप है कि शेल्टर होम में उसे प्रताड़ित भी किया गया।
रिपोर्ट में खुलासा-महिला का गर्भपात हो गया
वहीं इस मामले महिला का अल्ट्रासाउंड करने वाले डॉक्टर के मुताबिक उन्होंने कहा-हमने पाया कि महिला का गर्भपात हो गया था। उनके गर्भाशय में एक संक्रमण है, जिसे आगे गंभीर होने से बचाने के लिए महिला को इलाज की जरूरत है,अल्ट्रासाउंड करने वाले डॉक्टर ने उसके गर्भपात होने की बात बताई,साथ ही उन्हेंने उसके गर्भाशय में संक्रमण की बात भी कही थी। रिपोर्ट में बताया है, 'एंडोमेट्रियोसिस के साथ भारी यूटी (गर्भाशय के बाहर ऊतक बढ़ रहा है)।'महिला ने आरोप लगाया था कि उसे जिला अस्पताल में रखा गया जहां उसका गर्भपात हो गया। उसे ब्लीडिंग हो रही थी और बहुत ज्यादा दर्द था। यहां उसे जबरन इंजेक्शन दिए गए।
महिला ने गर्भपात के लिए डॉक्टरों को जिम्मेदार ठहराया
महिला का आरोप है कि वह नारी निकेतन में सात से आठ दिनों तक रही। इस दौरान उसके पेट में दर्द होने लगा। महिला का कहना है कि उसने इस बारे में निकेतन के प्रभारी को बताया लेकिन उन्होंने उसे कोई दवा नहीं दी। महिला का आरोप है, 'दवा न मिलने से मेरी हालत खराब होने लगी। इसके बाद मुझे 11 दिसंबर को एक अस्पताल में भर्ती किया कया। मुझे बाद में बताया गया कि मेरा गर्भपात हो गया है।' पीड़िता का कहना है कि 'मुझे इंजेक्शन दिया गया और इसके बाद मेरा रक्त स्राव होने लगा। मैं नहीं जानती कि मुझे किस प्रकार का इंजेक्शन दिया गया।' मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक महिला ने अपने गर्भपात के लिए डॉक्टरों को जिम्मेदार ठहराया है।