- टीचर साइंस की लेकिन 'कला' धोखाधड़ी की, 13 महीनों में लगाई एक करोड़ से ज्यादा की चपत
- यूपी के कई जिलों में अनामिका के खिलाफ दर्ज हो चुकी है शिकायत
- अनामिका शुक्ला ने 25 से अधिक स्कूलों में नौकरी करते हुए एक साल में कमाए 1 करोड़ से अधिक पैसे
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के 25 कस्तूरबा गांधी स्कूलों में 'पढ़ाने' वाली और 13 महीनों के दौरान एक करोड़ रुपये सैलरी लेने साइंस की टीचर असल में धोखाधड़ी की कला मे माहिर निकली हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी की शिकायत पर पुलिस ने पांच और जिलों- रायबरेली, अंबेडकर नगर, बागपत, अलीगढ़ और सहारनपुर में 'अनामिका शुक्ला' के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
कासगंज पुलिस ने शनिवार को एक प्रिया सिंह नाम की महिला को गिरफ्तार किया है जो अनामिका शुक्ला के दस्तावेजों पर काम कर रही थीं। पुलिस का मानना है कि इसी तरह कई और लोगों की भी गिरफ्तारी हो सकती है जो प्रिया शुक्ला के शिक्षा दस्तावेजों के आधार पर नौकरी कर रहे है, हालांकि अभी तक रियल शुक्ला का पता नहीं चल सका है।
धीरे-धीरे खुल रही हैं परतें
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, पहले जब मामला सामने आया था तो पता चला कि महिला रायबरेली में काम करती है लेकिन बात में जैसे-जैसे परतें खुलती गईं तो पता चला कि महिला बागपत और कासगंज के केजीबीवी में भी काम कर रही है। पुलिस को पता चला कि जो महिला अनामिका के नाम से काम कर रही है वो दरअसल प्रिया है। यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने स्वीकार किया कि शुक्ला कम से कम चार कस्तूरबा गांधी बाल विद्यालयों में पढ़ा रही हैं और इसे देखते हुए सभी 246 आवासीय विद्यालयों के रिकॉर्ड चैक करने के आदेश दिए गए हैं।
पांच जिलों में दर्ज हुई एफआईआर
अनामिका शुक्ला पर पहले ही पांच दिए गए जिलों में एफआईआर दर्ज हो चुकी है। वाराणसी और अमेठी के बीएसए ने अभी शिकायत दर्ज नहीं कराई है। शुक्ला इन जिलों में भी कथित रूप से काम करी थीं। रायबरेली के बेसिक शिक्षा अधिकारी आनंद प्रकाश द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, अनामिका ने मार्च 2019 में साइंस टीचर के रूप में केजीबीवी, बछरांव में तैनाती पाई थी। एफआईआर के मुताबिक, 'प्राथमिक जांच में पाया गया कि अनामिका शुक्ला ने अंबेडकर नगर, सहारनपुर, बागपत, अलीगढ़, वाराणसी, कासगंज और अमेठी में भी अपनी सेवाएं दी हैं।'
कई धाराओं के तहत दर्ज हुई एफआईआर
शिकायत में आगे कहा गया है कि इस बारे में अनामिका को कई बार उपस्थित होने का आदेश दिया गया लेकिन वह कभी नहीं आई और 26 मई को उसने त्यागपत्र भेज दिया। एफआईआर में अनामिका के खिलाफ कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। अनामिका शुक्ला ने इस कदर सिस्टम को धता बताया कि अलग-अलग जगहों पर उसने अलग-अलग तारीखों में ज्वाइन किया।