- सीरो सर्विलांस से पता चला दिल्ली की 77 फीसद आबादी पर कोरोना का खतरा बरकरार
- 11 जिलों में से 8 जिलों में कोरोना का प्रसार अधिक
- 27 जून से 10 जुलाई के बीच कराया गया था सर्वे
नई दिल्ली। क्या राजधानी दिल्ली कोरोना के खतरे से बाहर आ रही है या खतरा बरकरार है, दरअसल यह सवाल बहुत जटिल है, हम सबका साझा दुश्मन यानि कोरोना वायरस अपने रूप को बदल रहा है और घात लगाकर हमला कर रहा है। लेकिन जिस तरह से हर दिन कोरोना के पॉजिटिव केस में गिरावट दर्ज की गई है और एक सकारात्मक संकेत है। इस बीच दिल्ली में कोरोना के प्रसार के संबंध में सीरो सर्वे कराया गया था जिसका मकसद यह पता करना था कि कौन से इलाके ज्यादा प्रभावित हैं।
सीरो सर्विलांस से मिली जानकारी
सीरो सर्वे से पता चलता है कि 11 में से 8 जिलों में सीरो का विस्तार 20 फीसद से अधिक है। और इसके साथ ही दिल्ली की 23 फीसद जनता पर कोरोना का किसी न किसी रूप में असर है। 77 फीसद जनसंख्या पर कोरोना का खतरा मंडरा रहा है लेकिन अगर सुरक्षा मानकों को शिद्दत से पालन किया गया तो कोरोना को मात दी जा सकती है।
सीरो सर्वे की खास बात
- दिल्ली के 11 जिलों में से 8 में सीरो प्रिवलेंस 20 फीसदी से अधिक है, सेंट्रल, नॉर्थ ईस्ट, उत्तरी दिल्ली उत्तर पूर्व जिले में 27 फीसदी आबादी में वायरस का प्रसार हो चुका है।
- एक लेवल के बाद वायरस का संक्रमण कम होता है, लेकिन सीरो सर्वे को फिलहाल वायरस के प्रसार की संभावना से जोड़कर नहीं देखा जा सकता है
- दिल्ली में सीरो सर्वे 27 जून से लेकर 10 जुलाई के बीच के भीतर था। इस सर्वे के जरिए हम सबके सामने जून के तीसरे हफ्ते की तस्वीर है।
- दिल्ली की 77 फीसदी आबादी अभी असुरक्षित है, जिनमें संक्रमण होने की संभावना है। इसमें बुजुर्गों लोगों पर सबसे अधिक खतरा है। बड़ी आबादी
- लोगों में इंफेक्शन के प्रसार की जानकारी के लिए हमने सीरो सर्वे किया। इस सर्वे में ओवऑल प्रविलेंस 22.86 फीसदी मिला है। हमने एलाइजा टेस्ट किया गया।
खतरा टला या बरकरार !
जून के महीने में दिल्ली सरकार की तरफ से बयाना आया था कि 31 जुलाई तक कुल 5.5 लाख कोरोना के केस होंगे जो डरावने थे। लेकिन अब जिस तरह से हर रोज कोरोना के कम मामले सामने आ रहे हैं वो सुखद संकेत दे रहे हैं कि कम से कम दिल्ली उस आंकड़े का सामना नहीं करेगी। 27 मई के बाद पहली बार दिल्ली में कोरोना के मामवे एक हजार से कम आए और ठीक होने वालों की तादाद उससे अधिक रही