- भारत में बनी पहली कोरोना वायरस वैक्सीन Covaxin का ह्यूमन ट्रायल शुरू
- ICMR-NIV और भारत बायोटेक ने मिलकर तैयार की है वैक्सीन
- दो चरणों के बाद तीसरे चरण में ज्यादा आबादी पर किया जाएगा परीक्षण
नई दिल्ली: भारत में पहली पहली कोरोना वायरस वैक्सीन Covaxin का ह्यूमन ट्रायल आज से शुरू हो गया है। राजधानी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में इसकी शुरूआत की गई। कोवैक्सीन को आईसीएमआर-एनआईवी और भारत बॉयोटेक ने मिलकर तैयार किया है। इस ट्रायल की जिम्मेदारी प्रिंसिपल इनवेस्टिगेटर डॉ संजय राय को दी गई है। इस बारे में मीडिया से बात करते हुए एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया कि पहले चरण में वैक्सीन ट्राएल 18-55 साल के हेल्दी लोग जिन्हें कोई को-मोरबिडिटी नहीं है उन पर किया जाएगा।
ऐसे होगा ट्रायल
डा. गुलेरिया ने आगे बताया, 'ट्राएल के लिए कुल सैंपल 1125 लिया गया है जिसमें से 375 हेल्दी लोगों पर पहले फेज़ में और 12-65 साल के 750 लोगों पर दूसरे फेज़ में ट्राएल किया जाएगा। वैक्सीन के साथ एक कंट्रोल आर्म भी होगा जिसको हम प्लेसिबो कहते हैं। कुछ लोगों को वैक्सीन दिया जाएगा और कुछ को कंट्रोल। दोनों में इम्युनोजैनिटी का अंतर देखा जाएगा। वैक्सीन के तीन फॉर्मुलेशन ट्राई किए जाएंगे। पहले चरण में हम देखेंगे कि ये कितना सेफ है और इसका कितना डोज़ दिया जाना चाहिए। तीसरे चरण में इसका प्रयोग ज्यादा आबादी पर किया जाएगा।'
आईसीएमआर और भारत बॉयोटेक ने तैयार की है वैक्सीन
कोवाक्सिन के मानव पर पहले और दूसरे चरण के परीक्षण के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने दिल्ली स्थित एम्स समेत 12 संस्थानों का चयन किया है। कोवाक्सिन को हैदराबाद की भारत बायोटेक ने आईसीएमआर तथा राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान के साथ मिलकर विकसित किया है। इसके मानव परीक्षण की मंजूरी भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने हाल में दी थी।
आपको बता दें कि देश में कोविड-19 के मामलों की संख्या 11 लाख के पार पहुंच गई है। वहीं दूसरी तरफ राहत की खबर ये है कि ठीक होने वालों की संख्या सात लाख से अधिक हो गई है। आज ही देश में कोविड-19 के रिकॉर्ड 40,425 नए मामले सामने आए। रिकवरी रेट में लगातार सुधार हो रहा है।