- कोरोना वैक्सीन को लेकर बड़ी सफलता, ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका का परीक्षण सुरक्षित
- वायरस से लड़ने में इम्यून सिस्टम को देती है दोगुनी ताकत
- वैक्सीन के कोई साइड इफेक्ट नहीं, सुरक्षित रहा है ट्रायल
नई दिल्ली: कोरोना वायरस की वजह से दुनियाभर में लाखों लोगों की मौत हो गई है और इसकी वैक्सीन के लिए भारत सहित कई देशों के वैज्ञानिक जुटे हुए हैं। इस बीच वैक्सीन को लेकर ब्रिटेन से अच्छी खबर आ रही है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित की जा रही वैक्सीन के परीक्षण के बेहतर नतीजे मिलते हुए दिख रहे हैं। इस वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल हुआ था जिसमें शानदार परिणाम मिलते हुए नजर आ रहे हैं। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एस्ट्राजेनेका कोविड -19 वैक्सीन के आरंभिक परिणाम सफल रहे हैं और जिन पर इसका परीक्षण किया गया था वो सुरक्षित हैं और प्रतिरक्षा क्षमता बेहतर हुई है।
इम्यून सिस्टम को बनाती है मजबूत
प्रारंभिक परीक्षणों से के डेटा को आज यानि सोमवार 20 जुलाई को मेडिकल जर्नल द लांसेट में प्रकाशित किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस वैक्सीन के मानव परीक्षण के अब तक के नतीजे काफी सकारात्मक रहे हैं. यह वैक्सीन कोरोना वायरस से लड़ने के लिए इंसान के इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरक्षा तंत्र को बीमारी से लड़ने में न केवल सहायता देता है बल्कि मजबूत भी बनाता है। यही एक वैक्सीन का प्रमुख काम भी है।
उत्साहवर्धक नतीजे
हालांकि लेखकों ने कहा कि आगे के वयस्क नागरिक पर भी इस वैक्सीन का प्रयोग किया जाना चाहिए। वर्तमान परिणाम प्रयोगशाला में मापी गई प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया पर आधारित हैं। इस बात की पुष्टि करने के लिए कि यदि संक्रमण से प्रभावी रूप से बचाव हो सके तो आगे के परीक्षण की आवश्यकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने पाया कि उनके कोविड 19 वैक्सीन का जो परीक्षण 18 से 55 वर्ष की आयु के लोगों में किया गया उनमें दोहरी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया पैदा हुई। "ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में जेनर इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. एड्रियन हिल ने कहा, 'हमने देखा है कि वैक्सीन कापरीक्षण लगभग सभी लोगों में बेहतर रहा है। यह टीका विशेष रूप से वायरस से मुकाबला करने वाले इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।
जेनर इंस्टीट्यूट ने किया है तैयार
AZD1222 COVID-19 वैक्सीन, जिसे पहले ChAdOx1 nCoV-19 के रूप में जाना जाता था, को ऑक्सफोर्ड के जेनर इंस्टीट्यूट द्वारा विकसित किया गया था और यह यूके स्थित वैश्विक बायोफार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राज़ेनेका द्वारा संचालित है। इसका पहला प्रयोग मई माह के दौरान तीन चरणों में किया गया था। पिछले महीने, विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने वैक्सीन को लेकर कहा था कि ऑक्सफोर्ड की दवा कोरोना वायरस के लिए सबसे बेहतरीन दवा साबित हो सकती है।