- टीका ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित किया जा रहा है; ट्रायल में कुल 1,077 लोग शामिल
- वैक्सीन ने एंटीबॉडी के साथ-साथ टी-सेल्स विकसित कीं जो कोरोनोवायरस से लड़ती हैं
- रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन सरकार ने पहले ही इस टीके की 100 मिलियन खुराक का ऑर्डर दिया
लंदन: कोरोना वैक्सीन को लेकर एक अच्छी खबर ब्रिटेन से आई है। ब्रिटेन ने पहले ही इस टीके की 100 मिलियन खुराक का ऑर्डर दिया है। इस दवा को आधिकारिक रूप में AZD1222 के रूप में जाना जाता है और ब्रिटिश-स्वीडिश फार्मा कंपनी एस्ट्राज़ेनेका द्वारा तैयार की गई है। परीक्षण दौरान पता चला कि यह कोरोना वैक्सीन ना केवल इम्यून सिस्टम को बेहतर करत ही बल्कि सुरक्षित भी करती है। वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित किया जा रहा है। इसके ह्यूमन ट्रॉयल में कुल 1,077 वॉलियंटर शामिल थे। प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल लैंसेट ने एक रिपोर्ट में बताया कि इन सभी को कोविड की वैक्सीन देने के बाद पता चला कि टीके ने एंटीबॉडी के साथ-साथ टी-शेल्स भी विकसित किए जो कोरोनोवायरस से लड़ते हैं।
कोई दुष्प्रभाव नहीं
लैंसेट की रिपोर्ट में कहा गया है कि परीक्षण का हिस्सा बने सैकड़ों लोगों में इस वैक्सीन का कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं देखा गया। बड़े पैमाने पर तीसरे चरण का परीक्षण शुरू हो चुका है और अकेले अमेरिका में कुल 30,000 लोगों पर इसके परीक्षण की उम्मीद है।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रमुख लेखक एंड्रयू पोलार्ड ने कहा, "हमें उम्मीद है कि इसका मतलब प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) वायरस को याद रखेगा जिसकी वजह से हमारा टीका लोगों को लंबी अवधि तक सुरक्षित रखेगा। हालांकि, हमें और अधिक शोध की आवश्यकता है तांकि इससे पहले कि हम यह पुष्टि कर सकें कि टीका प्रभावी रूप से SARS-CoV-2 संक्रमण से बचाता है, और कितने समय तक कैसे सुरक्षित करता है।
भारतीय एंगल
इस टीके के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भारतीय एंगल भी है। एस्ट्राज़ेनेका, जो पहले से ही 2 बिलियन खुराक बनाने का वादा कर चुका है, उसने वैक्सीन का बड़े पैमाने पर उत्पादन करने के लिए पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ करार किया है।
भारत में मानव परीक्षण अगले महीने शुरू होगा
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदर पूनावाला ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, 'मौजूदा स्थिति और क्लिनिकल परीक्षणों पर हालिया अपडेट के आधार पर, हम उम्मीद कर रहे हैं कि एस्ट्राजेनेका ऑक्सफोर्ड वैक्सीन 2020 के अंत तक उपलब्ध होगी।' अदर पूनावाला ने टेस्टिंग किट के निर्यात के लिए अनुमति मांगी है। उन्होंने बताया था कि हमारे पास टेस्टिंग किट बनाने की पर्याप्त क्षमता है। उनके मताबिक कंपनी के पास हर सप्ताह 2 मिलियन किट का उत्पादन करने की क्षमता है।