Delhi Weekend Curfew travel guideline: दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि मंगलवार को कोविड-19 के करीब 5,500 नए मामले सामने आए और संक्रमण दर 8.5 प्रतिशत दर्ज की गई, साथ ही कहा कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर सप्ताहांत कर्फ्यू लगाया गया है, लेकिन 'लॉकडाउन नहीं' लगाया गया है उन्होंने दावा किया कि कोरोना वायरस की स्थिति 'निंयत्रण' में है और लोगों से कहाकि संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद करें और कोविड-19 अनुकूल व्यवहार का अनुपालन करें।
गौर हो कि दिल्ली में शुक्रवार रात 10:00 बजे से सोमवार सुबह 5:00 बजे तक वीकेंड कर्फ्यू रहेगा, जानें यात्रा के लिए घर से जाने और स्टेशन से वापस अपने घर आने के बारे में भी इसमें स्थिति साफ की गई है।
- दिल्ली के अंदर या दिल्ली से बाहर आने और जाने वाले लोगों को अनुमति होगी साथ ही जिनके पास वैलिड ट्रेन या बस का टिकट होगा वह भी स्टेशन से घर या घर से स्टेशन आ जा सकेंगे।
- वीकेंड कर्फ्यू में जरूरी सेवाओं वाले कर्मचारियों के अलावा वह लोग जिनके पास किसी जरूरी काम के लिए ई पास होगा उन्हें ही वीकेंड कर्फ्यू में आवाजाही की इजाजत होगी।
- दिल्ली में आवश्यक सेवाओं के अलावा, सभी सरकारी अधिकारी घर से काम करेंगे। निजी कार्यालयों को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ काम करने की अनुमति होगी।
- मेट्रो में 100 फीसदी क्षमता के साथ लोग बैठ सकेंगे, खड़े होकर यात्रा करने की अनुमति नहीं होग।
- बाकी के प्रतिबंध 28 दिसंबर के आदेश के हिसाब से होंगे जिस दिन डीडीएमए में ग्रैप के हिसाब से येलो अलर्ट जारी किया था
राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण की दर के पांच प्रतिशत के पार चले जाने के बाद डीडीएमए ने 28 दिसंबर को 'येलो अलर्ट' की घोषणा की थी, जिसके तहत सिनेमाघर और जिम बंद कर दिए गए थे। गैर-आवश्यक सामान की दुकानों को सम-विषम आधार पर खोलने और मेट्रो तथा बसों में यात्रियों के बैठने की क्षमता 50 प्रतिशत करने का निर्देश भी दिया था।
डीडीएमए की क्रमवार प्रतिक्रिया कार्य योजना (GRAP) के अनुसार, पांच दिन तक लगातार संक्रमण दर पांच प्रतिशत से अधिक रहने पर 'रेड अलर्ट' की घोषणा की जाती है, जिसके तहत पूर्ण कर्फ्यू लागू किया जाता है और राष्ट्रीय राजधानी में अधिकतर आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ जाती हैं।
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार को डर है कि बस स्टॉप और मेट्रो स्टेशन संक्रमण के तेजी से फैलने का केन्द्र बन सकते हैं, क्योंकि बैठने की क्षमता आधी होने से वहां लंबी कतारें लग रही हैं। इसलिए, बसों और मेट्रो को पूर्ण क्षमता के साथ चलाने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि किसी को भी बिना मास्क के यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी।