Agnipath scheme : मोदी सरकार ने चार साल के लिए कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर सैनिकों की भर्ती के लिए 'अग्निपथ' योजना का ऐलान किया। उसके बाद इसके खिलाफ सेना में भर्ती के लिए इच्छुक युवा बिहार, राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में सड़कों पर उतर गए। विरोध प्रदर्शन कर रहे युवाओं ने हिंसक प्रदर्शन पर उतर गए। वे इस योजना को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उग्र प्रदर्शन को देखते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट कर युवाओं को शांत करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि 10वीं पास अग्निवीरों को 12वीं पास का सर्टिफिकेट दिया जाएगा।
उन्होंने ट्वीट किया कि भारत का शिक्षा मंत्रालय अग्निपथ योजना को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। अग्निवीर उच्च शैक्षणिक योग्यता और कौशल हासिल करके समाज में रचनात्मक भूमिका निभाएंगे। NIOS का 12वीं पास प्रमाण-पत्र पूरे देश में नौकरी और उच्च शिक्षा दोनों उद्देश्यों के लिए मान्यता प्राप्त है जो अग्निवीरों को जीवन में प्रगति के लिए विभिन्न अवसर प्रदान करेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि अग्निवीर के लिए @DselEduMinistry द्वारा रक्षा मंत्रालय के परामर्श से एक विशेष प्रोग्राम आरम्भ करने की पहल स्वागत योग्य कदम है। इसके तहत 10वीं पास अग्निवीर अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाते हुए @niostwit के माध्यम से 12वीं कक्षा का सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं।
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्विटर पर कहा कि युवा साथियों, 'अग्निपथ योजना' आपके जीवन को नए आयाम प्रदान करने के साथ ही भविष्य को स्वर्णिम आधार देगी। आप किसी बहकावे में न आएं। मुख्यमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी के मंशानुरूप 'अग्निपथ योजना' युवाओं को राष्ट्र व समाज की सेवा हेतु तैयार करेगी, उन्हें गौरवपूर्ण भविष्य का अवसर प्रदान करेगी। आदित्यनाथ ने युवाओं को आश्वस्त करने का प्रयास करते हुए कहा कि मां भारती की सेवा हेतु संकल्पित हमारे 'अग्निवीर' राष्ट्र की अमूल्य निधि होंगे व उप्र सरकार अग्निवीरों को पुलिस व अन्य सेवाओं में वरीयता देगी। जय हिंद।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि देश की सुरक्षा कोई अल्पकालिक या अनौपचारिक विषय नहीं है, ये अति गंभीर व दीर्घकालिक नीति की अपेक्षा करती है। सैन्य भर्ती को लेकर जो ख़ानापूर्ति करने वाला लापरवाही भरा रवैया अपनाया जा रहा है, वह देश और देश के युवाओं के भविष्य की रक्षा के लिए घातक साबित होगा। अग्निपथ से पथ पर अग्नि न हो।'
बसपा सुप्रीमो ने ट्वीट में कहा कि सेना में काफी लम्बे समय तक भर्ती लम्बित रखने के बाद अब केन्द्र ने सेना में 4 वर्ष अल्पावधि वाली अग्निवीर नई भर्ती योजना शुरू की है, उसको लुभावना व लाभकारी बताने के बावजूद देश का युवा वर्ग असंतुष्ट एवं आक्रोशित है। वे सेना भर्ती व्यवस्था को बदलने का खुलकर विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि सेना व सरकारी नौकरी में पेंशन लाभ आदि को समाप्त करने के लिए ही सरकार सेना में जवानों की भर्ती की संख्या में कमी के साथ-साथ इसे मात्र चार साल के लिए सीमित कर रही है, जो घोर अनुचित तथा गरीब व ग्रामीण युवाओं, उनके परिवार के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। बसपा नेता ने कहा कि देश में लोग पहले ही बढ़ती गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी तथा सरकार की गलत नीतियों व अहंकारी कार्यशैली आदि से दुःखी व त्रस्त हैं, ऐसे में सेना में नई भर्ती को लेकर युवा वर्ग में फैली बेचैनी अब निराशा उत्पन्न कर रही है। सरकार तुरन्त अपने फैसले पर पुनर्विचार करे, यही बसपा की मांग है।
Agnipath Scheme : क्या वाजिब है युवाओं का विरोध? 'अग्निपथ' योजना पर जानें मिथ और फैक्ट्स
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया कि माकपा पोलित ब्यूरो अग्निपथ योजना को सिरे से खारिज करता है। यह योजना भारत के राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचाने वाली है। पेशेवर सशस्त्र बल को 4 साल की संविदा पर सैनिकों की भर्ती करके तैयार नहीं किया जा सकता। उन्होंने दावा किया कि इससे हमारे सशस्त्र बलों की गुणवत्ता और कुशलता के साथ समझौता होगा। माकपा महासचिव ने कहा कि अग्निपथ योजना को तत्काल निरस्त किया जाना चाहिए।
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भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सांसद विनय विश्वम ने भी इस योजना का विरोध किया और इसे वापस लेने की मांग की। उन्होंने दावा किया कि यह भारतीय सेना में कॉन्ट्रैक्ट की व्यवस्था लागू करना है, कम वेतन देकर युवाओं का शोषण करना है तथा यह आरएसएस के लिए पिछले दरवाजे से प्रवेश का तरीका है। यह हमारे बेरोजगार नौजवानों के साथ विश्वासघात है। सेना की भर्ती भाजपा की रसोई का कोई पकवान नहीं है। विश्वम ने कहा कि इस विषय पर संसद में चर्चा होनी चाहिए। भाकपा महासचिव डी राजा ने आरोप लगाया कि यह नयी योजना युवाओं के भविष्य को खतरे में डालने वाली है। उन्होंने कहा कि इसे तत्काल वापस लिया जाना चाहिए। हमारे युवा उचित, सुरक्षित नौकरी के हकदार हैं।
गौर हो कि इस योजना के तहत थलसेना, नौसेना और वायुसेना में चार साल के लिए नयी भर्तियां होंगी। 4 साल के बाद 75 फीसदी सैनिकों को पेंशन जैसी सुविधाओं के बगैर ही रिटायर कर दिया जाएगा। शेष 25 प्रतिशत को भारतीय सेना में नियमित रखने का प्रावधान किया गया है। योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल करीब 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे। चयन के लिए पात्रता आयु साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होगी और इन्हें अग्निवीर नाम दिया जाएगा।