- शैक्षणिक वर्ष 2021-22 के लिए दो बोर्ड परीक्षाएं होंगी आयोजित
- स्टूडेंट्स सवालों के जवाब ओएमआर शीट पर भरेंगे
- टर्म 1 एग्जाम नवंबर से शुरू हो चुके हैं, जो दिसंबर तक चलेंगे
CBSE Exam 2021 new pattern: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने इस बार परीक्षा पैटर्न में बड़े पैमाने में बदलाव किया। इस बार 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा के तहत सीबीएसई ने शैक्षणिक वर्ष 2021-22 के लिए एक वर्ष में दो बोर्ड परीक्षाएं कराने का फैसला किया। जिसमें टर्म की परीक्षाएं नवंबर-दिसंबर में और टर्म 2 मार्च-अप्रैल में आयोजित की जाएंगी। इसके अलावा बोर्ड ने पहली बार MCQ पैटर्न भी लागू किया है। इसमें स्टूडेंट्स सवालों के जवाब ओएमआर शीट (OMR Sheet) पर भरेंगे। इन शीट को स्कैन करने के बाद सीधे CBSE की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। अभी तक टर्म 1 के एग्जाम सुचारू तरीके से संचालित हो रहे हैं। तो क्या इस नए पैटर्न से छात्रों को लाभ होगा। इस बारे में हमने कुछ एक्पर्ट्स की राय जानने की कोशिश की।
ऑनलाइन मूल्यांकन नहीं है बेहतर विकल्प
एमआरजी स्कूल रोहिणी की प्रिंसिपल अंशु मित्तल का मानना है कि ऑफलाइन एसेसमेंट मूल्यांकन का एक बेहतर तरीका है क्योंकि यह मूल्यांकन प्रणाली पर फिर से विचार करने के लिए मौका देता है। जबकि ऑनलाइन चेकिंग में हैंडराइटिंग की गलतियां, विजिबिल्टी संबंधित आदि परेशानियां आ सकती हैं। ऐसे में ऑनलाइन मूल्यांकन एक बेहतर विकल्प नहीं है। हालांकि सीबीएसई ने पहले से ही विषय विशेषज्ञों का एक पैनल स्थापित किया है, जिससे ऐसे सभी मुद्दों को आसानी से सुलझाया जा सके। अगर ऐसी चीजों को देखा जाए तो छात्रों को कोई खास नुकसान नहीं होना चाहिए।
ओएमआर शीट को लेकर संशय
इस साल सीबीएसई द्वारा पेश किए गए बदलावों के बारे में पैसिफिक वर्ल्ड स्कूल की प्रिंसिपल सीमा कौर ने भी अपनी राय रखी। उनका कहना है कि बोर्ड की ओर से हुए नए बदलाव ने लोगों को असमंजस्य की स्थिति में डाल दिया है। किसी के लिए ये अच्छा है तो कोई अभी ओएमआर शीट की इस गुत्थी को ठीक से समझ नहीं पाया है। ओएमआर शीट के मैनुअल मूल्यांकन से गलतियां हो सकती हैं क्योंकि इसमें मानवीय गलती की गुंजाइश है। दूसरी ओर, ऑनलाइन मूल्यांकन प्रक्रिया को आसान और अधिक प्रभावी बना देता। स्कैन की गई मूल्यांकन प्रणाली के साथ मूल्यांकन में निष्पक्षता का भी ध्यान रखा जाएगा। अंतिम विकल्प लिखने के लिए ओएमआर शीट में प्रत्येक उत्तर के साथ एक अतिरिक्त बॉक्स जोड़ने के विचार ने प्रक्रिया को और अधिक जटिल बना दिया है। अंतिम उत्तर को चिह्नित करते समय छात्र भ्रमित हो सकते हैं, जिससे अंक खो सकते हैं।