- कोरोना संक्रमण/लॉकडाउन के कारण सीबीएसई के कई पेपर्स इस बार नहीं हो पाए
- बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अब लंबित परीक्षाएं नहीं कराने का फैसला लिया गया है
- हालांकि छात्रों को रिजल्ट में सुधार के लिए आगे परीक्षा देने का विकल्प दिया गया है
नई दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड या सीबीएसई (CBSE) 10वीं व 12वीं कक्षा के परिणामों की घोषणा 15 जुलाई को करने जा रहा है। कोरोना वायरस संक्रमण/लॉकडाउन के कारण इस बार रिजल्ट आने में समय लगा है। कोरोना और लॉकडाउन के कारण सीबीएसई परीक्षाओं के पूरे पेपर भी नहीं हो पाए। अब यह स्पष्ट हो चुका है कि बची हुई परीक्षाएं नहीं होंगी और रिजल्ट की घोषणा उन विषयों में प्राप्त अंकों और आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर ही होगी, जो छात्रों ने दी है।
कोरोना संक्रमण के कारण नहीं हो पाई थीं परीक्षाएं
हालांकि कोरोना संक्रमण की स्थिति में सुधार के बाद बोर्ड ने छात्रों को परीक्षा परिणाम में सुधार के लिए लंबित विषयों की परीक्षा देने का विकल्प भी दिया है। जिन विषयों की परीक्षाएं नहीं हो पाई हैं, वे 15 फरवरी से 30 मार्च के बीच आयोजित होनी थी। लेकिन कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच इन पर रोक लगा दिया गया था। अब संक्रमण के मामलों में लगातार बढ़ोतरी के बीच छात्रों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए परीक्षाएं नहीं कराने का फैसला लिया गया है।
कैसे होगा मूल्यांकन?
अब सवाल उठता है कि अगर सीबीएसई के लंबित पेपर्स की परीक्षाएं नहीं होंगी तो मूल्यांकन किस तरह होगा? तो यहां हम आपको बता दें कि छात्रों ने अगर चार या उससे अधिक विषयों की परीक्षा दी है, तो जिन दो पेपर्स में सर्वाधिक अंक उसे हासिल हुए हैं, उसका औसत अंक उन पेपर्स में जोड़ा जाएगा, जिसकी परीक्षाएं उन्होंने नहीं दी हैं।
इसी तरह अगर उसने तीन विषयों की परीक्षाएं दी हैं, तो जिन दो पेपर्स में सर्वाधिक अंक उसे हासिल हुए हैं, उसका औसत अंक उन पेपर्स में जोड़ा जाएगा, जिसकी परीक्षाएं उसने नहीं दी हैं। वहीं, जिन छात्रों ने दो या उससे कम पेपर की परीक्षाएं दी हैं, उनका मूल्यांकन बचे हुए पेपर्स के लिए पहले हो चुकी आंतरिक परीक्षाओं, प्रैक्टिकल और प्रोजेक्ट में उनके प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा।
यहां उल्लेखनीय है कि जो छात्र सीबीएसई परीक्षा का अपना परिणाम सुधारना चाहते हैं, उनके लिए आगे कोविड-19 की परिस्थितियों में सुधार के बाद परीक्षा देने का विकल्प भी रखा गया है।