- विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए सीयूटी होगा अनिवार्य
- पहले 12वीं के अंकों के आधार पर मिलता था एडमिशन
- सीटों के आरक्षण को लेकर भी बताई गई नीति
DU Admissions 2022: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कुलपति योगेश सिंह ने मंगलवार को 2022-23 शैक्षणिक वर्ष के लिए विश्वविद्यालय की प्रवेश नीति जारी की। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में प्रवेश सामान्य परीक्षा के अंकों के आधार पर तय की जाएगी। अब यह परीक्षा देश में 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। पिछले साल तक, दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा में कट-ऑफ अंकों के आधार पर होता था।
नए प्रवेश नीति को एक ऐतिहासिक कदम बताते हुए डीयू के कुलपति ने कहा कि स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग और राष्ट्रीय कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड को छोड़कर सभी स्नातक विषयों में प्रवेश केवल कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) के माध्यम से होगा।
सीयूटी के आधार पर मिलेगा एडमिशन
डीयू के कुलपति ने कहा, ‘‘सभी उम्मीदवारों के लिए सीयूईटी-2022 में उपस्थित होना अनिवार्य है, जिसमें अतिरिक्त सीटों पर प्रवेश पाने वाले भी शामिल हैं। पात्रता मानदंड सीयूईटी में प्राप्त अंकों के आधार पर तय किया जाएगा।’’ अल्पसंख्यक कॉलेजों के लिए आरक्षित 50 प्रतिशत सीटों में से 85 प्रतिशत अंक सीयूईटी से लिए जाएंगे और शेष 15 प्रतिशत कॉलेजों द्वारा तय किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि गैर-आरक्षित 50 प्रतिशत सीटों पर प्रवेश विशुद्ध रूप से सीयूईटी के आधार पर होगा। जीसस एंड मैरी, सेंट स्टीफंस और श्री गुरु तेग बहादुर खालसा जैसे अल्पसंख्यक कॉलेजों में 50 फीसदी सीटें अल्पसंख्यक समुदायों के लिए आरक्षित हैं। हनीत गांधी, डीन (प्रवेश) ने कहा कि उम्मीदवार सीयूईटी के लिए केवल उन्हीं विषयों में उपस्थित हो सकेंगे, जो उन्होंने कक्षा 12 में पढ़े हैं। उन्होंने कहा कि योग्यता की गणना भी केवल उन विषयों के संयोजन के आधार पर की जाएगी जिस विषय में उम्मीदवार सीयूईटी में उपस्थित हुआ है।
जानिए परीक्षा फॉरमेट
सीयूईटी-2022 में तीन खंड हैं। पहले खंड को दो भागों में बांटा गया है और पहले भाग में 13 भाषाएं और दूसरे भाग में 20 भाषाएं हैं। गांधी ने कहा, ‘‘इन दोनों भागों में से संयुक्त रूप से दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए उम्मीदवारों को कम से कम एक भाषा में उपस्थित होना अनिवार्य है। प्रवेश परीक्षा के दूसरे खंड में 27 विशिष्ट विषय आधारित हैं। तीसरा खंड सामान्य ज्ञान पर आधारित है, जो केवल बीए (कला स्नातक) प्रोग्राम में प्रवेश के लिए होगा।’’
उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय के अधिकांश कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए एक उम्मीदवार को दूसरे खंड से कम से कम तीन विषयों का चयन करना होता है, जो कि विशिष्ट विषय आधारित हैं। दूसरे खंड को दो सूचियों बी1 और बी2 के रूप में वर्गीकृत किया गया है। उम्मीदवारों को उचित रूप से विषयों का चयन करना होगा ताकि एक समय में एक से अधिक विषय का चयन न किया जा सके।
गांधी ने कहा कि अधिकांश बीएससी (विज्ञान स्नातक) पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए पात्रता की गणना भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित या जीव विज्ञान के आधार पर की जाएगी। उन्होंने कहा कि सीयूईटी में किसी एक भाषा में कम से कम 30 फीसदी अंक हासिल करना अनिवार्य है।
स्ट्रीम के अनुसार प्रवेश परीक्षा
कला स्नातक में प्रवेश के लिए एक उम्मीदवार को खंड एक से किसी एक भाषा और दूसरे खंड से किन्हीं तीन विषयों में प्रवेश परीक्षा में शामिल होना होगा। योग्यता की गणना उम्मीदवार द्वारा उसी विषय और भाषा में प्राप्त अंकों के आधार पर की जाएगी। बीए (ऑनर्स) अर्थशास्त्र में प्रवेश के लिए उम्मीदवारों को सीयूईटी में गणित की परीक्षा देना अनिवार्य है। गांधी ने कहा कि इसके लिए योग्यता की गणना चुनी हुई भाषा, गणित और किन्हीं दो विषयों में प्राप्त अंकों के आधार पर की जाएगी। एक उम्मीदवार सीयूईटी के लिए अधिकतम छह विषयों में उपस्थित हो सकता है, जिसमें से एक भाषा का विषय होना चाहिए।
गांधी ने कहा कि विश्वविद्यालय की प्रवेश वेबसाइट को बुधवार से देखा जा सकेगा, जिसमें उदाहरण भी दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए उम्मीदवारों की मदद के लिए ‘चैटबॉट’ भी काम करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘प्रश्न पत्रों के चयन में उम्मीदवारों की सहायता के लिए ‘हेल्प डेस्क’ का प्रावधान होगा और उम्मीदवारों की मदद के लिए ‘ओपन हाउस’ और ‘वेबिनार’ भी आयोजित किए जाएंगे।’’