मुख्य बातें
- कार्तिक पूर्णिमा के दिन देशभर में गुरु नानक का प्रकाश उत्सव मनाया जाता है
- सिखों के प्रथम गुरु नानक साहब को इनके अनुयायी नानक से संबोधित करते हैं
- गुरु नानक जी की शिक्षा का मूल निचोड़ यही है कि परमात्मा एक है
कार्तिक पूर्णिमा के दिन देशभर में गुरु नानक का प्रकाश उत्सव मनाया जाता है। सिखों के पहले गुरु नानक देव जी का जन्म 1526 को कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ। सिख धर्म के अनुयायी इस दिन को प्रकाश उत्सव और गुरु पर्व के नाम से मनाते हैं। सिखों के प्रथम गुरु नानक साहब को इनके अनुयायी नानक, नानक देव जी, बाबा नानक और नानकशाह नामों से संबोधित करते हैं।
गुरु नानक जी ने अपने अनुयायियों को दस उपदेश दिए जो कि सदैव प्रासंगिक बने रहेंगे। गुरु नानक जी की शिक्षा का मूल निचोड़ यही है कि परमात्मा एक, अनन्त, सर्वशक्तिमान और सत्य है। वह सर्वत्र व्याप्त है। मूर्ति पूजा आदि का कोई मूल्य नहीं है। अगर जीवन में आगे बढ़ते रहना है तो गुरु नानक जी के ये 10 शिक्षाएं जरूर याद रखें-
गुरु नानक देव के ये 10 अनमोल वचन बदल देंगे आपका जीवन
- ईश्वर एक है और हर जगह मौजूद है। सदैव एक ही ईश्वर की उपासना करो। ईश्वर सब में व्यापक है। सबका पिता वही है इसलिए सभी से प्रेम करना चाहिए।
- मेहनत कर, लोभ को त्याग कर और न्यायोजित साधनों से धन कमाना चाहिए। मेहनत और सच्चाई से गरीबों और जरुरतमंदों की मदद करनी चाहिए।
- कभी भी किसी का हक नहीं छीनना चाहिए।
- अगर किसी को धन या कोई अन्य मदद की आवश्यकता हो तो हमें कभी भी पीछे नहीं हटना चाहिए।
- अपनी कमाई का 10वां हिस्सा परोपरकार के लिए और अपने समय का 10वां हिस्सा प्रभु सिमरन या ईश्वर भक्ति में लगाना चाहिए।
- धन को जेब में स्थान देना चाहिए, दिल में नहीं।
- स्त्री जाति का आदर करना चाहिए। सभी स्त्री और पुरुष बराबर हैं।
- गुरु की आवाज भगवान की आवाज है। वही ज्ञान और निर्वाण का सच्चा स्त्रोत है।
- चिंता मुक्त रहकर अपने कर्म करते रहना चाहिए। संसार को जीतने से पहले स्वयं अपने विकारों पर विजय पाना अत्यंत आवश्यक है।
- अहंकार, ईर्ष्या, लालच, लोभ मनुष्य को मनुष्य नहीं रहने देते। ऐसे में इनसे दूर रहना चाहिए।