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Chhattisgrah Education: शिक्षा में नवाचार पर जोर, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम ने की खास बैठक

Updated Sep 24, 2021 | 23:23 IST

स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने जिला शिक्षा अधिकारियों से कहा है कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने में नवाचार किया जाए।

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छत्तीसगढ़ में शिक्षा में नवाचार पर जोर, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम ने की खास बैठक
मुख्य बातें
  • हर जिले के एक स्कूल में शुरू होगी व्यावसायिक शिक्षा
  • रोजगार उपलब्ध कराने की योजना: स्कूल शिक्षा मंत्री करेंगे वर्चुअल उद्घाटन
  • बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने करें नवाचार: मंत्री डॉ. टेकाम

रायपुर। रोजगारोन्मुखी कौशल विकास तथा व्यावसायिक शिक्षा देकर युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की योजना के अंतर्गत प्रत्येक जिले के एक-एक हायर सेकेण्डरी स्कूलों में 15 अक्टूबर तक प्रारंभ करने के निर्देश आज स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में जिला शिक्षा अधिकारियों को दिए गए। इन स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम का वर्चुअल शुभारंभ स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम करेंगे। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारियों को चिन्हांकित स्कूलों में आईटीआई के सहयोग से प्रारंभ होने वाले रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम की जानकारी अतिशीघ्र  मुख्यालय को भिजवाने के निर्देश दिए। जिला शिक्षा अधिकारियों को मरम्मत योग्य शाला भवनों एवं भवन विहीन स्कूलों की सूची और उनका प्लान तैयार कर भिजवाने के निर्देश दिए गए। 

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर बल
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने जिला शिक्षा अधिकारियों से कहा है कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने में नवाचार किया जाए। कोरोनाकाल में पढ़ाई में कमजोर बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जाए। स्कूलों में बच्चों को पढ़ने-लिखने का अभ्यास कराया जाए। उन्होंने कहा कि सभी स्कूलों में बच्चों को गणवेश और पुस्तकों का वितरण सुनिश्चित करें। मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी नियमित रूप से स्कूलों का निरीक्षण करें। अध्ययन-अध्यापन की स्थिति का मूल्यांकन करें और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने का प्रयास करें। उन्होंने शाला भवनों के निर्माण और मरम्मत के कार्यों की मॉनिटरिंग के भी निर्देश दिए। डॉ. टेकाम ने कहा कि शालाओं में अध्यापन कार्यों में कसावट लाए। ड्यूटी में लापरवाही बरतने वालों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई के भी निर्देश अधिकारियों को दिए गए। 

मंत्री डॉ. टेकाम ने जिला शिक्षा अधिकारियों से कहा कि स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल की तर्ज पर प्रत्येक जिले में एक-एक हिन्दी माध्यम स्कूल प्रारंभ किए जाने है। इस संबंध में भी शीघ्र ही कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में दूसरे स्कूल छोड़कर बच्चों ने प्रवेश लिया है। शासन द्वारा इन स्कूलों में बेहतर व्यवस्था की है। इन स्कूलों में शिक्षक बच्चों को ठीक से पढ़ाए और इन स्कूलों की गुणवत्ता को बनाए रखते हुए बच्चों की माता-पिता के विश्वास का भरोसा जीते। जिला शिक्षा अधिकारी विभाग द्वारा दिए गए निर्देशों का अक्षरशः पालन करें। 

स्कूलों को अपग्रेड करने पर बल
प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला ने जिला शिक्षा अधिकारियों को स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में रिक्त पदों की पूर्ति 30 सितंबर अनिवार्य रूप से करने, बच्चों का शत-प्रतिशत दाखिला देने के साथ ही विद्यार्थियों को गणवेश एवं लोगो उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि पुस्तकालय में पुस्तकें उपलब्ध हो। शिक्षा सत्र के लिए वार्षिक कैलेण्डर का पालन किया जाए और बच्चों की तिमाही, छमाही और वार्षिक परीक्षा समय पर आयोजित की जाए। तिमाही परीक्षा 10 अक्टूबर तक, छमाही परीक्षा 31 दिसंबर तक और वार्षिक परीक्षा बोर्ड परीक्षा की कक्षाओं को छोड़कर 15 मार्च तक आयोजित करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने बच्चों के मूल्यांकन रिपोर्ट को भी अपलोड कराने तथा विद्यालयों में महानदी, इन्द्रावती, शिवनाथ और अरपा चार हाउस स्थापित कर बच्चों के मध्य विभिन्न विषयों पर इंटर हाउस कम्पटिशन कराने को कहा। प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा ने कहा कि कम्पटिशन के अंतर्गत इन स्कूलों की सांस्कृतिक उपयोगिता दुर्ग में आयेाजित की जाएगी। खेल प्रतियोगिता 23 और 24 अक्टूबर को रायपुर में आयोजित होगी। इन स्कूलों की मैग्जीन भी बनायी जाएगी। 

पठन अभ्यास प्रतियोगिता पर जोर
डॉ. शुक्ला ने कहा कि प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में पठन अभ्यास प्रतियोगिता के निर्देश दिए गए थे। इसके पालन में स्कूल स्तर, संकुल स्तर, ब्लॉक स्तर और जिला स्तर पर पठन अभ्यास प्रतियोगिता आयोजित की जानी है। जिला स्तर पर यहा प्रतियोगिता 2 अक्टूबर को आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि हर विकासखंड में स्कूली बच्चों की हस्तलिखित मैग्जीन भी बनेगी। इस मैग्जीन में शिक्षक द्वारा पढ़ाये गए विचारों को बच्चे हाथ से लिखेंगे और हर विकासखंड से एक मैग्जीन का चयन किया जाएगा। बच्चों की पढ़ने और लिखने की प्रतियोगिता की जांच उनके माता-पिता से करवाई जाए। विकासखंड स्तर की मैग्जीन का प्रदर्शन 15 अक्टूबर को राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मिडिल स्कूलों में विज्ञान, गणित, भाषा और सामाजिक विज्ञान की गतिविधियां कक्षा में प्रयोग कर बच्चों को सीखायी जाए। 

प्रयोगशाला तत्काल शुरू करने के निर्देश
प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा ने सभी हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूलों में प्रयोगशाला तत्काल शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कक्षा 9वीं, 10वीं और 11वीं के बच्चों को तीन-तीन प्रोजेक्ट दिए जाए। इनमें गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान का एक-एक प्रोजेक्ट कार्य दिया जाए। दिसंबर माह में इसका राज्य स्तर पर प्रेजेंटेशन करवाया जाएगा। जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि 15 दिनों में हर जिले से 500 ड्रापआउट बच्चों का पंजीयन वर्चुअल स्कूल में करा लिया जाए। पंजीयन उन्हीं बच्चों का कराया जाए, जिनके पास मोबाइल और नेट कनेक्टीविटी हो। 
    
बैठक में सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. कमलप्रीत सिंह, प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा श्री नरेन्द्र कुमार दुग्गा, संचालक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद श्री डी.राहुल वेंकट, सचिव माध्यमिक शिक्षा मंडल प्रोफेसर व्ही.के. गोयल सहित संभागीय संयुक्त संचालक स्कूल शिक्षा एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।