- साल 2012 में बनाया गया था पोक्सो एक्ट।
- पोक्सो यौन उत्पीड़न व बलात्कार जैसे मामलों से सुरक्षा प्रदान करता है।
- बच्चों को जागरूक करने के लिए शिक्षकों को किया जाएगा प्रशिक्षित।
Kerala Child Rights Panel: बच्चियों के साथ आए दिन यौन उत्पीड़न की घटनाएं समाज को शर्मशार कर रही हैं। एक तरफ जहां बच्चों के लिए असुरक्षा का माहौल पैदा हो रहा है, वहीं अभिभावकों के सामने उनके भविष्य को लेकर भी अनिश्चितता जैसी स्थिति उत्पन्न हो रही है। इसी के मद्देनजर केरल बाल अधिकार पैनल, राज्य के सरकारी व सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों के लिए जागरूकता कक्षाएं आयोजित करने जा रही है। पैनल अधिकारियों ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि, इन दिनों बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न की घटनाएं तेजी से बढ़ती जा रही हैं।
इस तरह की घटनाओं से गुजरने के बाद बच्चे अपना बयान बिना डर के दे सकें व उत्पीड़न की घटनाओं को तेजी से कम करने के लिए राज्य सरकार के सरकारी व मान्यता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों के लिए सैमिनार आयोजित करने किया जाएगा। यहां शिक्षकों को ऐसे में मामलों पर निगरानी रखने व बच्चों को इसके बारे में जागरूक करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
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यौन उत्पीड़न की घटनाओं को कम करना है उद्देश्य
उन्होंने बताया कि इस तरह की कक्षाएं सबसे पहले राजधानी शहर में आयोजित की जाएंगी। पैनल के एक करीबी सूत्र ने बताया कि, कक्षाओं का संचालन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में किया जाएगा। इसका उद्देश्य राज्य में बढ़ रही यौन उत्पीड़न की घटनाओं को रोकना व पीड़ितों की आवाज उठाना है।
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जिला स्तर पर आयोजित की गई बैठक
हाल ही में जिला स्तर पर अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें जागरूकता कक्षाएं आयोजित करने का निर्णय लिया गया था। केरल बाल अधिकार पैनल के सदस्य पी पी श्यामलादेवी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक के दौरान जिले में पोक्सो अधिनियम के तहत दर्ज मामलों की जांच की गई और पीड़ितों को जल्द से जल्द आरोपी के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया गया।