- जन्म से ही फुटपाथ पर रहने वाली आस्मा ने पास की 10वीं की परीक्षा।
- तमाम मुश्किलों को पीछे छोड़ आस्मा ने यह परीक्षा पास की है।
- आस्मा अपने माता-पिता के लिए घर बनाना चाहती है।
मुम्बई में फुटपाथ पर रहने वाली 17 वर्षीय अस्मा शेख ने तमाम मुश्किलों के बावजूद इस साल महाराष्ट्र बोर्ड की 10वीं परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है और अब उसकी इच्छा आगे पढ़ाई करने और एक अच्छी नौकरी हासिल कर अपने माता-पिता के लिए एक घर बनाने की है। मुम्बई में प्रेस क्लब के पास बीमएसी मुख्यालय के पीछे एक फुटपाथ पर रहने वाली अस्मा के पिता ‘नींबू पानी’ रेहड़ी लगाते हैं। अस्मा को पढ़ाई की महत्ता का अंदाजा है और वह आगे अपनी पढ़ाई पूरी कर जिंदगी में कुछ बनना चाहती हैं।
अस्मा ने महाराष्ट्र बोर्ड के माध्यमिक विद्यालय प्रमाणपत्र (एसएससी) परीक्षा में 40 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। वह डोंगरी इलाके में एक कन्या विद्यालय में पढ़ती हैं। उसके भाई ने भी संधट्रस्ट रोड पर एक स्कूल से छठी कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण की है। अस्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि वह जन्म से ही फुटपाथ पर रह रही हैं। ‘‘ मेरे दादा भी यहीं रहते थे। हम कभी एक घर नहीं ले पाए।’’कोरोना वायरस से निपटने के लिए लगे लॉकडाउन के कारण उनके पिता का नींबू पानी बेचने का काम बुरी तरह प्रभावित हुआ और अब वह रोजी-रोटी के लिए चौकीदार का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, मेरे पिता नींबू पानी बेचकर दो दिन में 500 रुपये कमाते थे। लेकिन उन्होंने हमेशा हमारी स्कूल की फीस भरी।
अस्मा ने कहा कि उनकी आर्थिक स्थिति ने कभी पढ़ने के उनके इरादों को हतोत्साहित नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने 10वीं कक्षा में छह महीने ट्यूशन पढ़ा और उसकी फीस अभी तक भरी नहीं है। मुझे जब भी कुछ समझने में परेशानी होती थी, मैं प्रेस क्लब आने वाले लोगों से पूछ लेती थी।’’उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य ‘‘खुद को शिक्षित कर एक अच्छी नौकरी हासिल करना और अपने माता-पिता के लिए एक घर बनाना है।’’
अस्मा के बार में पता लगने पर दक्षिण मुम्बई से सांसद मिलिंद देवड़ा ने उनसे सम्पर्क किया और उसकी उच्च शिक्षा के लिए के.सी कॉलेज की प्रधानाचार्य से भी बात की। अस्मा ने कहा, ‘‘ मिलिंद सर मेरी मदद कर रहे हैं। उन्होंने मुझे कम्प्यूटर कोर्स करने को भी कहा है। अब मुझे 11वीं कक्षा में दाखिले के लिए एक ऑनलाइन पर्चा भरना है।’’उन्होंने कहा कि वह आगे की पढ़ाई को लेकर काफी उत्साहित हैं। वहीं देवड़ा ने कहा कि अस्मा उन्हें उनके दिवंगत पिता (कांग्रेस नेता मुरली देवड़ा) की याद दिलाती हैं, जो मुम्बई के फुटपाथ पर स्ट्रीटलाइट की रोशनी में पढ़ाई करते हुए ही बड़े हुए।