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NEET Counselling 2021: नीट काउंसलिंग के लिए बदलें कई नियम, जानें कब-कैसे मिलेगा एडमिशन

Updated Dec 20, 2021 | 14:51 IST

NEET UG, PG Counselling 2021 Dates Latest News: सुप्रीम कोर्ट की ओर से एमसीसी की नई काउंसलिंग स्कीम को मंजूरी मिल गई है। नीट काउंसलिंग 2021 में UG और PG के लिए चार राउंड में की जाएगी।

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नीट काउंसलिंग के बदले नियम
मुख्य बातें
  • नए नियम UG काउंसलिंग के तहत AIQ के लिए आने वाली 15 फीसदी और PG की 50 फीसदी सीटों के लिए लागू होंगे।
  • Stray वैकेंसी राउंड में नए रजिस्ट्रेशन का मौका नहीं मिलेगा।
  • इस बार पहले दो राउंड के बाद खाली सीट्स राज्यों को वापस नहीं की जाएंगी।

NEET 2021 Counselling: नीट काउंसलिंग के लिए मेडिकल काउंसिल कमेटी ने नए नियमों को जारी कर दिया है। इसके तहत अब एमबीबीएस , बीडीएस  और पीजी का काउंसलिंग की जाएगी। नए नियम में काउंसलिंग अब 4 राउंड में पूरी होगी और उसके बाद बची हुई सीटों को राज्यों को ट्रांसफर कर दिया जाएगा। अभी तक काउसलिंग की प्रक्रिया 2 राउंड में पूरी की जाती थी।

क्या हुए बदलाव

1. नीट 2021 काउंसलिंग की प्रक्रिया इस बार चार राउंड्स में पूरी की जाएगी। जिसमें  राउंड-1, राउंड-2, MOP UP राउंड और Stray वैकेंसी राउंड होंगे।

2.नीट काउंसलिंग 2021 के लिए फ्रेश रजिस्ट्रेशन करने का मौका AIQ राउंड-1, राउंड-2 और MOP UP राउंड में मिलेगा और Stray वैकेंसी राउंड के लिए नए रजिस्ट्रेशन नहीं होंगे।

3. पहले दो राउंड के बाद खाली सीट्स राज्यों को वापस कर दी जाती थीं। लेकिन  इस बार ऐसा नहीं किया जाएगा। उन सीटों को मॉप-अप राउंड और स्ट्रे वैकेंसी राउंड की काउंसलिंग से भरा जाएगा.

4. जो कैंडिडेट्स राउंड 2 या इसके बाद की काउंसलिंग में आवंटित की गई सीट ज्वाइन कर लेंगे, उन्हें, उन सीट को छोड़ने का विकल्प नहीं दिया जाएगा। साथ ही वे आगे के काउंसलिंग राउंड्स में भी भाग नहीं ले सकेंगे। हालांकि अगर छात्र-छात्रा आवंटित सीट को स्वीकार नहीं करते हैं तो उन्हें बाद के राउंड में शामिल होने का मौका मिलगा।

5. सीट अपग्रेड और फ्री एग्जिट मैका सिर्फ पहले राउंड में ही दिया जाएगा। राउंड- 2 से यह विकल्प उपलब्ध नहीं होगा।

6.यह काउंसलिंग प्रक्रिया केवल UG काउंसलिंग के तहत AIQ के लिए आने वाली 15 फीसदी और PG की 50 फीसदी सीटों के लिए लागू होगी।

इस वजह से रही है देरी

NEET के परिणाम एक नवंबर 2021 को जारी कर दिए थे। लेकिन मामला सुप्रीम कोर्ट में होने की वजह से काउंसलिंग प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हो पाई है। सुप्रीम कोर्ट में नई आरक्षण नीति पर 6 जनवरी 2022 को सुनवाई होनी है। 

असल में जुलाई में केंद्र सरकार ने राज्यों के मेडिकल/डेंटल कॉलेजों में ऑल इंडिया कोटे में ओबीसी और EWS को आरक्षण देने का फैसला किया था। इसके तहत ऑल इंडिया कोटे के तहत ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी और EWS वर्ग के लोगों को 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया गया था।  

इसके पहले 2007 में ओबीसी आरक्षण लागू होने के बाद केंद्र सरकार के मेडिकल कॉलेज में ओबीसी आरक्षण मिलता था, लेकिन राज्य के मेडिकल कॉलेज में यह व्यवस्था नहीं थी। लेकिन जुलाई 2021 के फैसले के बाद सरकार ने राज्य के मेडिकल और डेंटल कॉलेज में ऑल इंडिया कोटे में आरक्षण लागू कर दिया। सरकार के फैसलों को कई डॉक्टरों और संबंधित पक्षों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। जिस पर फिलहाल सुनवाई चल रही है।