- नीट एग्जाम पर पर दायर की गई रिव्यू पिटीशन को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया
- कोविड 19 का हवाला देते हुए दायर की गई थी पुनर्विचार अर्जी
- कई राजनीतिक दलों को भी परीक्षा कराए जाने पर है ऐतराज
नई दिल्ली। JEE और NEET परीक्षा को लेकर 6 राज्यों की ओर से दाखिल पुनर्विचार याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। गैर-बीजेपी शासित 6 राज्यों के मंत्रियों ने कोर्ट से परीक्षा टालने की मांग की थी। जस्टिस अशोक भूषण की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच पश्चिम बंगाल, झारखंड, राजस्थान, पंजाब और छत्तीसगढ़ के 6 सीएम द्वारा दायर रिव्यू पिटीशन पर सुनवाई की। NEET 2020 को स्थगित किया जाने के मुद्दे पर कई राज्य सरकारों की तरफ से भी अर्जी लगाई गई थी। इसके साथ कुछ प्राइवेट अर्जियां भी हैं। परीक्षा रोके जाने के समर्थकों का कहना है कि कोविड 19 की वजह से छात्रों के सामने व्यवहारिक दिक्कतें आ रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट में पेश की गई थी जबरदस्त दलील
NEET 2020 की परीक्षा को स्थगित करने के लिए समीक्षा के आदेश पर SC का आदेश अब उपलब्ध हो गया है। मामले को चैंबर चर्चा के लिए उठाया गया था। पुनर्विचार अर्जी पर सुनवाई दोपहर 1:30 बजे सुनवाई शुरू हुई। जस्टिस अशोक भूषण अपने चैंबर में याचिका पर सुनवाई की थी। परीक्षा टाले जाने के समर्थन में जबरदस्त दलील दी गई। लेकिन अदालत ने कहा कि जेईई एग्जाम बिना किसी दिक्कत के संपन्न हो रहा है, औसतन 85 फीसद परीक्षार्थी एग्जाम में शामिल हुए हैं। इससे साफ होता है कि कहीं किसी के मन में न तो डर है और ना ही परीक्षा संपन्न कराने वाली संस्था के सामने चुनौती आ रही है
परीक्षा टालने के लिए दायर है पुनर्विचार याचिका
सितंबर में जेईई और एनईईटी 2020 परीक्षाओं के साथ आगे बढ़ने के लिए एससी के आदेश के साथ समीक्षा याचिका विवाद में दायर की गई थी। जल्द ही साझा किए जाने का निर्णय लिया गया। हाल ही में जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली एससी बेंच ने राज्यों को डीएम एक्ट के तहत राज्यों में यूजीसी परीक्षाओं को स्थगित करने की अनुमति दी थी। साथ ही, बॉम्बे HC ने NTA को उन छात्रों के लिए JEE मेन परीक्षा आयोजित करने को कहा, जो विभिन्न कारणों से परीक्षाओं में शामिल नहीं हो पाए थे।