- कोविड-19 महामारी के चलते छात्र इंटर्नशिप नहीं कर पाए पूरा
- पीएम मोदी के बयान का भी दिया गया हवाला
- आरक्षण को लेकर पहले कोर्ट में हुई थी सुनवाई
NEET PG 2022: राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा, NEET PG 2022 को स्थगित करने के लिए छह छात्रों के एक समूह ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने दावा किया कि अनिवार्य इंटर्नशिप अवधि पूरी नहीं होने के कारण कई एमबीबीएस स्नातक परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे। ऐसे में पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए 12 मार्च को होने वाली राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) को स्थगित किया जाना चाहिए।
शीर्ष अदालत में याचिका को पेश करते हुए NEET PG विनियम, 2000 के उल्लंघन को भी चुनौती दी गई। छह एमबीबीएस स्नातकों ने ये याचिका दुबे लॉ चैंबर्स के माध्यम से दायर की है। याचिका में मांग की गई कि राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड को निर्धारित परीक्षा को तब तक स्थगित करने का निर्देश देना चाहिए जब तक कि पीजी विनियमों में निर्धारित अनिवार्य इंटर्नशिप अवधि को पूरा करने जैसी विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा नहीं किया जाता।
छात्रों का कहना है कि कोविड-19 महामारी के चलते सैकड़ों छात्र इंटर्नशिप पूरा नहीं कर पाए हैं, ऐसे में इन छात्रों को परीक्षा देने से वंचित किया जाएगा। जबकि इसमें उनकी कोई गलती नहीं है। याचिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पिछले साल 3 मई को दिए गए एक बयान का भी हवाला दिया गया है। जिसमें उन्होंने कहा था कि NEET-PG 2021 को कम से कम चार महीने के लिए स्थगित किया जाएगा, ताकि अंतिम वर्ष के एमबीबीएस डॉक्टरों की सेवाओं का उपयोग हल्के कोविड मामलों को संभालने के लिए किया जा सके।
मालूम हो शीर्ष अदालत ने, 7 जनवरी को, अखिल भारतीय कोटा सीटों में मौजूदा 27 प्रतिशत ओबीसी और 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण के आधार पर रुकी हुई NEET-PG 2021 काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए थ।