- NEET-PG काउंसलिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 5 जनवरी से सुनवाई चल रही है।
- NEET-PG काउंसलिंग पर फैसला आने के बाद आज अंतिम रूप मिल जाएगा
- नीचे देखें याचिकाकर्ताओं की ओर से क्या कहा गया है।
NEET PG Counselling 2021: रिपोर्ट में कहा गया कि हेल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर में पहले से ही कर्मचारियों की कमी चल रही है, ऐसे में हम कांउसलिंग में देरी करके धिक नुकसानदेह स्थिति की ओर जा सकते हैं। ओबीसी और ईडब्ल्यूएस आरक्षण मानदंड में संशोधन से निश्चित रूप से एनईईटी पीजी काउंसलिंग शुरू होने और उसके बाद अंतिम चयन में और देरी होगी।
यह पूरी मामला कोटा से जुड़ा है, इस पर 5 जनवरी को सुनवाई शुरू हुई लेकिन फैसला नहीं आ पाया। अब 6 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांउसलिंग डेट को गति मिलेगी। बता दें, ऑल इंडिया कोटा मेडिकल सीटों में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत जबकि EWS को 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के लिए केंद्र और एमसीसी की 29 जुलाई की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई शुरू चल रही है।
ताजा जानकारी के अनुसार, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से सुनवाई जल्द शुरू करने का आग्रह किया है, सरकार का कहना है कि वर्तमान स्थिति में पहले से ही डॉक्टरों की तत्काल आवश्यकता है। ऐसे में और देरी होने से मामला संवेदनशील हो सकता है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने तर्क दिया कि आरक्षण की नई व्यवस्था अगले साल से लागू होनी चाहिए। उन्होंने ईडब्ल्यूएस और ओबीसी कोटा लागू करने के लिए 29 जुलाई की अधिसूचना का हवाला दिया और कहा कि यह "खेल के बीच नियमों को बदलने जैसा" जैसा है क्योंकि आरक्षण नीति परीक्षाओं की अधिसूचना के बाद पेश की गई थी।
मामला क्या है?
अखिल भारतीय कोटा में ईडब्ल्यूएस कोटा के लिए सरकार के मानदंडों के खिलाफ शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर की गई थी, जिसके कारण काउंसलिंग में देरी हुई। ईडब्ल्यूएस कोटा निर्धारित करने के लिए केंद्र द्वारा निर्धारित मानदंडों के औचित्य पर सवाल उठाया गया था और इसकी समीक्षा के लिए समय दिया गया था। हालांकि, देरी की वजह से व्यापक रूप से देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया गया, डॉक्टर हड़ताल पर चले गए थे। लेकिन हाल ही में आश्चवासन दिया गया था कि जल्द ही इस पर बात आगे बढ़ेगी तब जाकर हड़ताल खत्म हुई और 5 जनवरी को सुनवाई शुरू हुई, जो कि अभी भी चल रही है।