- 1 से 6 सितंबर के होनी है नीट-जेईई परीक्षा, कोरोना की वजह से किए जा रहे हैं खास इंतजाम
- सुप्रीम कोर्ट मे परीक्षा न कराए जाने वाली याचिका हो चुकी है खारिज
- विपक्षी दलों की मांग सरकार अदालत में एसएलपी दायर करने के साथ परीक्षा की तिथि में बदलाव करे
नई दिल्ली। नीट और जेईई की परीक्षा एक से 6 सितंबर के बीच संपन्न होनी है। सुप्रीम कोर्ट ने भी साफ कर दिया है कि अब परीक्षा को नहीं टाला जाएगा। लेकिन देश के अलग अलग कोनों और राजनीतिक दलों ने केंद्र सरकार से अपील की है कि कोविड 19 को ध्यान में परीक्षा टाल दी जाए और इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में सरकार दोबारा अपील करे, हालांकि इस विषय पर केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश को क्रियान्वित करने का फैसला किया है। देशभर के छात्र और राजनीतिक दल इस विषय पर देशव्यापी विरोध की तैयारी में हैं। इस मुद्दे पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और ममता बनर्जी दूसरे दलों के साथ बैठक हुई।
सीएम ममता बनर्जी की अपील
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि वो सभी राज्य सरकारों से अपील करती हैं कि वो इस मुद्दे पर एक साथ आकर सुप्रीम कोर्ट में अपील करें कि परीक्षा के कुछ समय के लिए टाल दिया जाए जब तक बच्चों को परीक्षा में शामिल होने के लिए हालात इजाजत न दे।
दिशाहीन है एनईपी 2020
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की आलोचना की। उन्होंने कहा कि जो घोषणाएं की गई हैं लो वास्तव में हमें चिंतित कर सकती हैं क्योंकि यह वास्तव में एक झटका है। छात्रों और परीक्षा की अन्य समस्याओं को भी अनजाने में निपटाया जा रहा है
दिल्ली के डिप्टी सीएम को भी ऐतराज
इस विषय पर दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया का कहना है कि अच्छा होता कि परीक्षा टाल दी जाती। लेकिन ऐसा मुमकिन ना होने पर सरकार को व्यवस्था करनी चाहिए कि बिना किसी स्वास्थ्य संबंधी दुश्वारियों को परीक्षा संपन्न कराया जा सके। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के समय यह बेहतर होता कि अदालती आदेश के बाद भी केंद्र सरकार कोई रास्ता निकालती।
एलजेपी ने भी परीक्षा टालने की मांग की
तय समय पर परीक्षा ना कराने के सिलसिले में सरकार में सहयोगी दल एलजेपी ने भी ऐतराज जताया है। एलजेपी का कहना है कि इस समय छात्रों की स्वास्थ्य सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए। सांसद चिराग पासवान ने शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखकर परीक्षा टलवाने की मांग की थी। चिराग पासवान का कहना है कि अदालत के आदेश के बाद भी केंद्र सरकार को गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने NEET और JEE की परीक्षा स्थगित करने वाली याचिका खारिज कर दी थी। अदालत ने कहा था कि कोरोना के कारण छात्रों का कीमती साल बर्बाद नहीं होने दे सकते हैं।